विषय के आधार पर QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के नवीनतम संस्करण के अनुसार दो-तीन प्रोग्राम के साथ भारत के उच्च शिक्षा संस्थान ज्यादातर इंजीनियरिंग टॉप 100 में शामिल हैं. बता दें कि वैसे पिछले साल यह संख्या 26 थी.
जबकि शीर्ष 100 विषय रैंकिंग में भारतीय विश्वविद्यालयों / संस्थानों की संख्या इस साल आठ से 12 हो गई है, आईआईएम-कलकत्ता, जो अपने बोर्ड और निदेशक के बीच एक विवाद में उलझा हुआ है, उसे इस साल अपनी सबसे खराब रैंकिंग का सामना करना पड़ा. वहीं आईआईएम-अहमदाबाद, आईआईएम-बैंगलोर, आईआईएम-लखनऊ और आईआईएम-कोझिकोड ने व्यवसाय या प्रबंधन अध्ययन श्रेणी में कमोबेश अपना स्थान बनाए रखा है. आईआईएम-कलकत्ता पिछले साल के 101-150 रैंक से फिसलकर इस बार 451-500 की रैंक पर आ गया है
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बृहस्पतिवार को साल 2021 के क्यूएस विषय रैंकिंग में शीर्ष 100 संस्थानों की सूची में स्थान बनाने वाले 12 भारतीय संस्थानों को बधाई दी. बता दें कि दुनिया भर के विश्वविद्यालयों की क्यूएस विषय रैंकिंग 2021 कल जारी हुई है. इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार के भारतीय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और बेहतरी की दिशा में सतत ध्यान दिये जाने के कारण वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित क्यूएस रैकिंग में भारतीय संस्थानों के प्रतिनिधित्व में महत्वपूर्ण सुधार आया है.
क्यूएस रैकिंग में शीर्ष 100 संस्थानों में स्थान बनाने वाले 12 भारतीय संस्थानों में आईआईटी बाम्बे, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी मद्रास, आईआईटी खड़गपुर, आईआईएससी बेंगलूर, आईआईएम गुवाहाटी, आईआईएम अहमदाबाद, जेएनयू, अन्ना विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और ओ पी जिंदल विश्वविद्यालय शामिल हैं. वहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी डेवलपमेंट स्टडीज विषय में 50वें स्थान पर रहा.
आईआईटी-मद्रास अपने पेट्रोलियम इंजीनियरिंग प्रोग्राम के लिए इस साल 30वें रैंक पर रहा है. आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी खड़गपुर ने खनिज एवं खनन इंजीनियरिंग के विषय रैंकिंग में 41वें और 44वें स्थान पर है.