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Ground Report: 'नलों से आता है गटर का पानी, कमरों में वेंटिलेशन तक नहीं', ओल्ड राजेंद्र नगर में IAS की तैयारी कर रहे छात्रों का दर्द

IAS के लिए कोचिंग का हब कहे जाने वाले ओल्ड राजेंद्र नगर में कई कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं. छात्रों का कहना है कि इनमें से 90 फीसदी सेंटर ऐसे हैं, जो कि बेसमेंट में चल रहे हैं. एक छात्र ने कहा कि हम लोग बाहर से आते हैं, हमें बेहतर सुविधाएं मिलनी चाहिए. ये स्टूडेंट जोन है, हमें बिजली के बिल पर सब्सिडी मिलनी चाहिए.

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दिल्ली कोचिंग सेंटर में हादसे के बाद छात्र भूख हड़ताल कर रहे हैं (फाइल फोटो)
दिल्ली कोचिंग सेंटर में हादसे के बाद छात्र भूख हड़ताल कर रहे हैं (फाइल फोटो)

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में RAU's IAS कोचिंग सेंटर में हुए हादसे ने तीन होनहार स्टूडेंट्स की जान ले ली. ये तीनों स्टू़डेंट्स अपने घरों से दूर IAS की तैयारी करने आए थे. इस हादसे में श्रेया यादव, तान्या सोनी और नेविन डेल्विन की मौत हो गई थी. अपने साथियों को खोने के बाद छात्रों में आक्रोश है. छात्रों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है. गुस्साए छात्रों का कहना है कि अधिकारी आते हैं, लेकिन हमारी मांगों को नहीं सुन रहे. यहां 90 फीसदी लाइब्रेरी बेसमेंट में ही चल रही हैं. छात्रों के पास कोई ऑप्शन नहीं है. जो लाइब्रेरी फर्स्ट फ्लोर पर चल रही हैं उनकी फीस 6-10 हजार तक हैं. 
 
प्रदर्शन कर रहे एक छात्र ने कहा कि यहां जितनी कोचिंग इंस्टीट्यूट्स हैं, उन सभी की सीटें फुल हैं, जब स्टूडेंट्स बाहर निकलते हैं तो भेड़-बकरियों वाले हालात होते हैं. अगर कभी कोई घटना हुई तो इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. वहीं एक छात्रा ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा की चिंता कोचिंग संचालकों को नहीं है. 

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'90 फीसदी कोचिंग सेंटर बेसमेंट में चल रहे'

IAS के लिए कोचिंग का हब कहे जाने वाले ओल्ड राजेंद्र नगर में कई कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं. छात्रों का कहना है कि इनमें से 90 फीसदी सेंटर ऐसे हैं, जो कि बेसमेंट में चल रहे हैं. एक छात्र ने कहा कि हम लोग बाहर से आते हैं, हमें बेहतर सुविधाएं मिलनी चाहिए. ये स्टूडेंट जोन है, हमें बिजली के बिल पर सब्सिडी मिलनी चाहिए.

 

IAS की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स ने बयां किया दर्द


छोटे से कमरे का किराया 15 से 20 हजार रुपए

वहीं, एक छात्रा ने कहा कि यहां स्टूडेंट्स बहुत खराब कंडीशन में रह रहे हैं. यहां के नलों से गटर का पानी आता है, लेकिन इसकी जिम्मेदारी कोई नहीं लेता. ORN यानी ओल्ड राजेंद्र नगर में पढ़ाई करने के लिए दूर से आने वाले छात्र जिन कमरों में रहते हैं उनमें कई वेंटिलेशन होता है. ऐसे ठिकानों के लिए छात्रों को 20 हजार रुपए तक किराया देना पड़ता है.

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पार्किंग एरिया में बना दिए कमरे

IAS की तैयारी कर रहे छात्र राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में किन हालातों में रह रहे हैं, इसकी हकीकत सामने आई इंडिया टुडे/आजतक की ग्राउंड रिपोर्ट में. एक छात्र ने कहा कि मैं पार्किंग एरिया में रह रहा हूं, मैं अपने मकान मालिक से कई बार कह चुका हूं कि यहां एक होल है उसे बंद करवा दीजिए, उसमें से चूहे और कीड़े-मकोड़े आ रहे हैं, लेकिन उनका कोई रिस्पॉन्स नहीं है. मकान मालिक ने पार्किंग एरिया को रूम बना दिया है. इसमें एक रूम औऱ वॉशरूम है. इसका किराया भी 12 हजार रुपए वसूल रहे हैं. बिजली का किराया अलग से लिया जा रहा है. 

इस छोटी सी अलमारी में छात्र के कपड़े, किताबें और बर्तन रखे हैं

ऐसे हालात में रह रहे छात्र

एक छात्र ने अपनी पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि वह जिस छोटे से कमरे में रह रहा है उसका किराया बिजली का किराया मिलाकर 15 हजार है. इस कमरे में एक बेड है एक छोटी सी टेबल है और छोटी सी अलमारी रखी है, जिसमें छात्र के कपड़े, किताबें और बर्तन रखे हैं. हादसे के बाद छात्र डरे हुए हैं, एक छात्र ने कहा कि वह अपना घर खाली करना चाहता है, तो मकान मालिक ने कहा कि इस बारे में एक महीने पहले बताना था. अगर वह घर खाली करेंगे तो उन्हें एडवांस और सिक्योरिटी वापस नहीं की जाएगी. छात्र ने कहा कि हादसे के बाद मैं दिन में यहां पढ़ाई करता हूं और रात में नोएडा में रह रही अपनी बहन के घर जाकर सोता हूं. क्योंकि डर का माहौल है. 

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