
लखनऊ में बिहार की सुपर-30 की कोचिंग की तर्ज पर आरएसएस ने आर्थिक रूप से कमजोर और मेधावी बच्चों के लिए इंजीनियर-डॉक्टर बनाने के लिए कंपटीशन की तैयारी शुरू करवाई है. बकायदा इसके लिए यह संस्थान बच्चों को ऑनलाइन एग्जाम की तैयारी कराने के साथ उनके रहने और खाने की व्यवस्था और किताबों के इंतजाम के साथ ही 2000 रुपये का स्कॉलरशिप भी छात्रों को दिया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक लखनऊ के अर्जुनगंज स्थित महामना शिक्षण संस्थान भाऊराव देवरस सेवा न्यास में 2019 से ऐसे बच्चों को शिक्षा देनी शुरू की है जो डॉक्टर और इंजीनियर बनना चाहते हैं. इसके लिए हर साल आरएसएस की यह संस्था एक ऑनलाइन एग्जाम कराती है जिसके बाद तकरीबन 25 बच्चों को उसके लिए सेलेक्ट किया जाता है जिनमें उन्हें 11वीं और 12वीं की पढ़ाई कराई जाती है. इसके साथ-साथ नीट और जेईई की तैयारी भी कराई जाती है. यही नहीं बच्चों के रुकने के लिए हॉस्टल का इंतजाम उनके खाने का इंतजाम और किताबों की पढ़ाई का खर्च भी इस शिक्षा संस्थान के द्वारा उठाया जाता है.
जिन बच्चों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, उन्हीं को लिया जाता है. इसके लिए उन्हें इनकम सर्टिफिकेट भी लगाया जाता है. इस इनकम सर्टिफिकेट के लिए एक टीम उनके घर पर वेरिफिकेशन भी करने जाती है. यहां जांच के बाद ही ऑथेंटिकेट कैंडिडेट ही इस शिक्षण संस्थान में आ पाता है जो डॉक्टरी या इंजीनियरिंग की कंपटीशन की तैयारी करना चाहता है.
संस्थान के प्रधानाचार्य और संचालक विनोद अवस्थी के मुताबिक यहां पर तकरीबन 25 बच्चे हर साल दिए जा रहे हैं क्योंकि पिछले साल के बच्चे इस साल एग्जाम देंगे. इनकी तैयारी के लिए हम लोग यहां पर उनको खाने का और रहने के लिए हॉस्टल साथ-साथ ₹2000 भी स्कॉलरशिप के रूप में देते हैं. बच्चों के 10वीं पास के बाद यहां पर एडमिशन लेते हैं जिसमें 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के लिए सरस्वती विद्या मंदिर अलीगंज लखनऊ में उनका रजिस्ट्रेशन किया जाता है. इस शिक्षण संस्थान के द्वारा उनको कंपटीशन की तैयारी कराई जाती है जिसमें वो आईआईटी और नीट की तैयारी करते हैं.
विनोद अवस्थी के मुताबिक, यहां पर अब छात्राओं के लिए भी यह सुविधा शुरू की जा रही है हालांकि अभी हॉस्टल उनके लिए तैयार नहीं है. इस वजह से अभी वो घर पर रहकर ही पढ़ रही हैं, इस बार का 25 छात्राओं का सेलेक्शन कर लिया गया है. आरएसएस के लखनऊ दक्षिणी सह कार्यवाह श्याम जी के मुताबिक, इंस्टिट्यूशन हमारे क्षेत्र में प्रांत में खुला हुआ है जिसकी वजह से काफी लोगों को इससे फायदा हो रहा है. प्रतिभावान बच्चे यहां पर आकर देश की संस्कृति से जुड़े हुए होने के साथ-साथ बच्चों में डॉक्टर इंजीनियरिंग पढ़ाई भी कराई जा रही है जो उन आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए काफी मददगार हैं.