गुजरात के अहमदाबाद की स्टूडेंट अपने नीट यूजी और गुजरात बोर्ड के 12वीं साइंस के रिजल्ट में भारी गड़बड़ी की वजह से चर्चा का विषय बनी हुई है. नीट यूजी में 720 में से 705 अंक प्राप्त करके सफलता हासिल करने वाली यह स्टूडेंट गुजरात बोर्ड की मार्च में आयोजित परीक्षा में फेल हुई थी. उसके बाद बोर्ड द्वारा जून-जुलाई महीने में आयोजित सप्लीमेंट्री एग्जाम में भी यह स्टूडेंट दोबारा फेल हुई है.
एक तरफ नीट यूजी में 705 अंक प्राप्त करके टॉप करना और दूसरी तरफ गुजरात बोर्ड की 12वीं साइंस में लगातार दो बार फेल होना शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है. इस स्टूडेंट ने मार्च में आयोजित बोर्ड की परीक्षा में 700 में से 352 अंक हासिल किए थे. लेकिन उस समय वह दो सब्जेक्ट में फेल हुई थी, जिनमें फिजिक्स और केमिस्ट्री शामिल थे. यह स्टूडेंट फिजिक्स में 21 और केमिस्ट्री में 31 अंक ही हासिल कर पाई थी और बोर्ड के एग्जाम में पास होने में सफल नहीं हो पाई थी.
फिजिक्स में दोबारा हुई फेल
मार्च में आयोजित गुजरात बोर्ड के एग्जाम में दो विषयों में फेल इस नीट यूजी की टॉपर स्टूडेंट के पास गुजरात बोर्ड की जून-जुलाई में आयोजित सप्लीमेंट्री परीक्षा में पास होने का मौका था. पास होने के लिए इस स्टूडेंट ने फिजिक्स और केमिस्ट्री का सप्लीमेंट्री एग्जाम भी दिया लेकिन इस एग्जाम में भी यह स्टूडेंट सफल नहीं हो पाई. सप्लीमेंट्री रिजल्ट में इस स्टूडेंट ने दो में से एक केमिस्ट्री में तो पासिंग अंक 33 प्राप्त कर लिए लेकिन एक बार फिर फिजिक्स में 22 अंक प्राप्त करके दोबारा फेल हो गई.
नीट यूजी में 720 में से हासिल किए 705 नंबर
गुजरात बोर्ड के सप्लीमेंट्री एग्जाम में भी फेल होने के बाद इस स्टूडेंट ने कैसे नीट यूजी में 720 में से 705 अंक प्राप्त किए इसकी चर्चा फिर एक बार शिक्षा जगत में शुरू हो गई है. इस स्टूडेंट ने नीट यूजी में हासिल किए 705 अंक से एक बात साफ थी कि वह देश के श्रेष्ठ मेडिकल कॉलेज की एक सीट के लिए योग्य थी लेकिन गुजरात बोर्ड के एग्जाम में फेल होने की वजह से अब नीट यूजी की सफलता इस स्टूडेंट के लिए कोई मायने नहीं रखती.
डमी स्टूडेंट के तौर पर थी रजिस्टर्ड
इस स्टूडेंट के पिता डॉक्टर हैं. उनसे बात करने की कई बार कोशिश की गई लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ. इसी स्टूडेंट से जुड़े एक शिक्षक ने बताया कि शिक्षा व्यवस्था में जो बदलाव बीतें कुछ साल से किए गए हैं, यह स्टूडेंट उसी की शिकार बनी है. अपने रिजल्ट और हो रही चर्चाओं से वह खुद डिप्रेशन में है. इस स्टूडेंट के पिता ने अपनी बेटी के एडमिशन के लिए ऐसा स्कूल चुना था जहां अटेंडेंस की कोई फिक्र ही नहीं रहती थी यानी वह डमी स्टूडेंट के तौर पर गुजरात बोर्ड में रजिस्टर्ड थी. उसके पिता डॉक्टर होने की वजह से उनका पूरा ध्यान कोचिंग सेंटर पर था, जहां वह सिर्फ नीट यूजी के एग्जाम की तैयारी करती रहती थी. स्कूल में आने-जाने से या स्कूल में पढ़ाई से उसे या उसके पिता को कोई मतलब ही नहीं था. स्कूल की पढ़ाई को पूरी तरह दरकिनार करने का यह परिणाम है.
नीट यूजी में फिजिक्स में मिले 99.89 नंबर
गुजरात बोर्ड के एग्जाम में लगातार दो बार फेल होने वाली इस स्टूडेंट ने नीट यूजी में 705 अंक प्राप्त किए हैं, जिनमें फिजिक्स में 99.89, केमिस्ट्री में 99.86, बायोलॉजी में 99.14 अंक हैं. लेकिन गुजरात बोर्ड के एग्जाम में पास नहीं होने की वजह से मेडिकल में एडमिशन का सपना फिलहाल तो इस स्टूडेंट के लिए खत्म हो चुका है. साथ ही नीट यूजी और बोर्ड के रिजल्ट में सफलता और असफलता की इस भारी गड़बड़ी वाले रिजल्ट से हर कोई आश्चर्यचकित है.