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अब दामाद-बहू को भी देना होगा गुजारा-भत्ता, बुजुर्गों के लिए पुलिस में नियुक्‍त होंगे खास अधिकारी

Senior Citizen Allowances: देश में इस समय लगभग 12 करोड़ सीनियर सिटीज़न हैं और अगले 5 वर्षों में इनकी गिनती बढ़कर 17 करोड़ हो जाएगी. इतनी बड़ी आबादी के लिए गरिमापूर्ण जीवन का अधिकार सरकार की प्राथमिकता है.

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Senior Citizens (Representational Image)
Senior Citizens (Representational Image)

Senior Citizen Allowances: माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण (संशोधन) बिल, 2019 से जुड़ा विधेयक अगले माह 08 मार्च से शुरू होने जा रहे बजट सत्र में पेश किया जाना है. संसद की स्‍थाई समिति ने इस बिल को मंजूरी दे दी है जिसके तहत बुजुर्गों के गुजारे-भत्‍ते और गरिमापूर्ण जीवनयापन के संबंध में कड़े प्रावधान किए गए हैं.

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बिल के अनुसार, संतान के अलावा जायदाद में हक रखने वाले अन्‍य दत्‍तक पुत्र/पुत्री, दामाद, बहू, सौतेली संतान या रिश्‍तेदार भी संतान की कैटेगरी में आएंगे और सीनियर सिटीजन्स के गुजारे-भत्ते के लिए जिम्‍मेदार होंगे. इसके बाद माता-पिता या सास-ससुर का ख्‍याल न रखना या संपत्ति हड़पने का प्रयास करना महंगा पड़ सकता है.

समिति ने माना कि ऐसा कोई भी कानूनी उत्‍तराधिकारी संतान के दायरे में आयेगा जो संपत्ति पर अधिकार रखता हो. यदि संतान नाबालिग है, तो उनका कानूनी अभिभावक ही बुजुर्ग का रिश्‍तेदार माना जाएगा. ऐसे में सीनियर सिटीजन के गुजारे- भत्ते के लिए वह रिश्तेदार ही जिम्‍मेदार होगा. हालांकि, गुजारे-भत्‍ते के लिए सीमा खत्‍म की जाएगी और भत्‍ते की रकम अभिभावकों की जरूरत और संतान की आय के आधार पर तय होगी.

एक अनुमान के मुताबिक देश में इस समय लगभग 12 करोड़ सीनियर सिटीज़न हैं और अगले 5 वर्षों में इनकी गिनती बढ़कर 17 करोड़ हो जाएगी. इतनी बड़ी आबादी के लिए गरिमापूर्ण जीवन का अधिकार सरकार की प्राथमिकता है. समिति ने यह भी सिफारिश की है कि अभिभावकों को डिजिटल साक्षरता से जोड़ा जाए और सीनियर सिटीजन्स की इकलौती संतान को स्‍पेशल लीव का भी प्रावधान हो. बुजुर्गों के लिए हर थाने में असिस्‍टेंट सब इंस्‍पेक्‍टर या बड़ी रैंक का एक नोडल ऑफिसर नियुक्‍त हो और स्‍पेशल हेल्‍थकेयर एंड काउंसिलिंग सेंटर भी स्‍थापित हों.

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