देश भर के 297 छात्रों ने सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा ऑफलाइन कराने के निर्णय को रद्द करने के लिए सीजेआई एनवी रमना को पत्र लिखा है. छात्रों ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को लिखे पत्र में पिछले साल की तरह वैकल्पिक मूल्यांकन योजना लागू कराने की मांग की है. छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट से स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया है.
देशभर में कोरोना की दूसरी लहर को लेकर गंभीर स्थिति है. छात्रों का कहना है कि देश में कोविड-19 के चलते पैदा हुई परिस्थितियों के चलते तमाम छात्रों ने अपने परिवार वालों को खोया है. ऐसे में इस समय फिजिकली परीक्षा कराना न सिर्फ लाखों छात्रों और टीचर्स की सुरक्षा के लिए खतरा है बल्कि उनके परिवारों के लिए भी यह तनाव पैदा करने वाली बात है.
छात्रों ने अपने पत्र में लिखा कि ऐसे समय में सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा कराना किसी भी तरह से न्यायोचित नहीं है. इससे लाखों छात्रों, टीचर्स, अभिभावक और सहायक स्टाफ की जान, उनकी सेहत और सुरक्षा को लेकर खतरा पैदा हो सकता है. छात्रों ने लिखा कि हम आपको यह पत्र ऐसे समय में लिख रहे हैं जब कोविड के मामले अभूतपूर्व आंकड़ों तक पहुंच चुके हैं. कई छात्रों ने अपने माता-पिता या फिर घरवालों को खोया है. इस तरह मामलों में अचानक आई तेजी ने हमें घरों में बंद रहने पर मजबूर कर दिया है.
बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकार सीबीएसई 12वीं की परीक्षा कराने का फैसला बहुत सोच विचार कर लेना चाहती है. इसके लिए सभी राज्य सरकारों से भी राय मांगी गई है. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) का प्लान है कि सीबीएसई कक्षा 12 बोर्ड परीक्षा 15 जुलाई से 26 अगस्त तक आयोजित कराई जाए.