scorecardresearch
 

जेल में पैदा हुई, गरीबी झेली, अब हार्वर्ड पहुंची 18 साल की ये लड़की, दिल छू लेगी कहानी

रिपोर्ट के मुताबिक, लड़की जिस समय पैदा हुई, उसकी मां जेल में सजा काट रही थी. ऐसे में पिता ने उसे अकेले ही पालने का फैसला किया. लड़की शुरू से ही पढ़ाई में तेज थी. हर बार स्‍कूल में वह अव्‍वल आती. कॉलेज में भी उसने टॉप किया. अब वो हार्वर्ड में स्‍टडी करने जा रही है.

Advertisement
X
अब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करेगी ये लड़की (फोटो- फेसबुक)
अब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करेगी ये लड़की (फोटो- फेसबुक)

एक लड़की जो जेल में पैदा हुई. जिसे मां का प्‍यार नहीं मिला. पिता ने पाल-पोसकर बड़ा किया. बचपन से ही तमाम तरह की द‍िक्‍कतें झेलीं. लेकिन पढ़ाई-लिखाई नहीं छोड़ी. आज वो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) जैसे प्रत‍िष्ठित संस्‍थान में दाखिला लेकर अपने सपने को साकार करने जा रही है. हार्वर्ड में पढ़ाई करने के लिए उसने स्कॉलरशिप (Scholarship) हासिल की है. तो आइए जानते हैं 18 साल की ऑरोरा स्काई कास्टनर (Aurora Sky Castner) की संघर्ष और सफलता की कहानी... 

Advertisement

Nyt की रिपोर्ट के मुताबिक, कास्टनर अमेरिका के टेक्‍सास की रहने वाली हैं. जिस समय वो पैदा हुईं, उनकी मां जेल में सजा काट रही थी. ऐसे में पिता ने उन्हें अकेले ही पालने का फैसला किया. कास्टनर शुरू से ही पढ़ाई में तेज थीं. हर बार स्‍कूल में वह अव्‍वल आतीं. कॉलेज में भी उन्होंने टॉप किया. अब वो हार्वर्ड में स्‍टडी करने जा रही हैं. यहां वो कानून की डिग्री हासिल करेंगी.

कास्टनर के इस सफर में पिता के साथ मोना हैम्बी नाम की महिला ने अहम भूमिका निभाई. कास्टनर के गरीबी में पैदा होने के बावजूद उनके हार्वर्ड जाने के सपने को पूरा करने में उन्होंने भरपूर मदद की. समाजसेवी हैम्बी, कास्टनर से प्राइमरी स्‍कूल में पढ़ाई के दौरान मिली थीं.

ऑरोरा स्काई कास्टनर (Aurora Sky Castner)

हैम्बी कहती हैं कि कास्टनर शुरू से पढ़ने-लिखने में तेज थी. टीचर के सवालों का जवाब चुटकियों में दे देती थी. जब पता चला कि उसका सपना हार्वर्ड जाने का है, तो उसे साकार करने में जुट गई. कास्टनर को नोट्स देना, एग्जाम की तैयारी करवाना, कोचिंग आदि में हेल्प करना शुरू कर दिया. 

Advertisement

कास्टनर ने हार्वर्ड को जो एप्लीकेशन लेटर भेजा था, उसकी भी चर्चा हो रही है. इसमें उन्होंने शुरु में ही लिखा था- मैं जेल में पैदा हुई थी... फिलहाल, अब वो स्कॉलरशिप पर हार्वर्ड में पढ़ाई पूरी करेंगी. उनका कोर्स तीन साल में पूरा होगा. इसके बाद भी वो पढ़ाई जारी रखेंगी. 

18 साल की हो चुकी कास्टनर की अपनी मां से सिर्फ एक या दो बार ही बात हुई है. वो कहती हैं कि मैं जिस माहौल में बड़ी हुई, वह बहुत अलग था. लेकिन इसमें कोई बुरी बात नहीं है. मैंने हर हालात का डटकर सामना किया. पिता और मेंटर मोना हैम्बी ने जो कुछ भी सिखाया, उसने मुझे मजबूत बनाया.  

 

UPSC में 56वीं रैंक, फिर भी चेक किया बार-बार रिजल्ट!

Advertisement
Advertisement