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दौड़ से पहले पांव हुआ था फ्रैक्चर, यूट्यूब से की पढ़ाई... मनीष त्रिपाठी को सिपाही भर्ती में मिली थर्ड रैंक

उत्तर प्रदेश सिपाही भर्ती परीक्षा में मनीष त्रिपाठी ने तीसरा स्थान हासिल किया है. खास बात ये है कि मनीष के दौड़ परीक्षा से पहले ही फ्रैक्चर हो गया था और उन्होंने यूट्यूब के जरिए पढ़ाई की थी.

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उत्तर प्रदेश सिपाही भर्ती परीक्षा में मनीष त्रिपाठी ने तीसरा स्थान हासिल किया है.
उत्तर प्रदेश सिपाही भर्ती परीक्षा में मनीष त्रिपाठी ने तीसरा स्थान हासिल किया है.

टूटे पैर के बावजूद डेढ़ मिनट पहले ही सिपाही भर्ती परीक्षा की दौड़ खत्म की... बिना कोचिंग क्लास के ऑनलाइन यूट्यूब की मदद से पढ़कर यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा 2023 में तीसरा स्थान हासिल कर लिया. ये सक्सेस स्टोरी है वाराणसी के बड़ागांव के तिवारीपुर गांव के रहने वाले 25 साल के मनीष त्रिपाठी की. जिन्होंने अपने पहले ही अटेम्प्ट में इस परीक्षा में पूरे प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल कर लिया. अब मनीष का सपना यूपी पुलिस में सब-इंस्पेक्टर तो आगे चलकर PCS निकालने का भी है. उनके पिता पेशे से होमगार्ड हैं और बचपन से ही अपने दोनों बेटों में से एक को पुलिस तो दूसरे को वकील बनाना चाहते थे. 
 
मनीष त्रिपाठी को सिर्फ घर वाले ही नहीं, बल्कि पूरा गांव दिनभर मोबाइल में घुसे रहने के ताने दिया करते थे. लेकिन मनीष को खुद पूरा भरोसा था. बीकॉम के बाद मनीष कोविड में ऑनलाइन यूट्यूब के जरिए ही तैयारी करने लगा. मनीष का कहना है कि 2023 में आई सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक की वजह से फिर से हुई. यकीन था कि पास हो जाऊंगा, लेकिन ये नही पता था कि टॉप करुंगा. 

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मनीष ने बताया कि मोबाइल के जरिए यूट्यूब से पढ़ने के कारण समय और पैसों की बचत होती थी और कोविड में सभी टीचर यूट्यूब पर आ चुके थे. इसलिए यूट्यूब से ही पढ़ने का फैसला लिया. साथ ही उन्होंने बताया कि पिता जी पर बोझ न पड़े इसलिए उनसे मोबाइल रिचार्ज के पैसे भी नहीं लेते थे और कई बार बिना रिचार्ज के रहना पड़ता था. पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहे मनीष पर उस वक्त आफत आ गई जब दौड़ परीक्षा के ठीक 45 दिनों पहले बॉलीबाल खेलते वक्त पैर फेक्चर हो गया.

मनीष त्रिपाठी

हालांकि, मनीष ने दौड़ से 15 दिनों पहले ही प्लास्टर कटवाकर दौड़ने की प्रैक्टिस शुरू की और पुलिस दौड़ परीक्षा को डेढ़ मिनट पहले ही पूरा कर लिया. मनीष ने बताया कि वह सब इंस्पेक्टर की परीक्षा देना चाहते हैं, लेकिन उसका फार्म ही नहीं आया इसलिए उसने सिपाही की परीक्षा दी आगे चलकर वे सब इंस्पेक्टर बनना चाहते हैं और फिर पीसीएस की भी तैयारी करेंगे. उन्होंने बताया कि आज के युवाओं को घबराना नहीं चाहिए अगर कामयाबी हासिल करनी है तो मेहनत तो करनी ही पड़ेगी. 

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वहीं मनीष के पिता विनोद कुमार तिवारी पेशे से होमगार्ड हैं. उन्होंने बताया कि उनके बेटे ने उनका सपना पूरा कर दिया वह हमेशा से ही अपने एक बेटे को पुलिस में तो दूसरे बेटे को वकील बनना चाहते थे. मनीष की मां गायत्री देवी ने भी बताया कि अब घर में दो-दो वर्दी है वह बहुत खुश है आगे चलकर मनीष और तरक्की करेगा. एलएलबी कर चुके मनीष के भाई रजनीश तिवारी ने बताया कि उसके भाई ने न सिर्फ पूरे गांव बल्कि जनपद का मान सम्मान बढ़ाया है. 

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