भारत के मशहूर सिंगर शंकर महादेवन, इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष सुधा मूर्ति जैसे दिग्गज राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत भारत कक्षा 3 से 12वीं तक के छात्रों का सिलेबस तैयार करेंगे. सुधा मूर्ति, इंफोसिस के अध्यक्ष नारायण मूर्ति की पत्नी और यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सास हैं. इनके अलावा एनसीईआरटी ने प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय, EAC-PM के सदस्य संजीव सान्याल और RSS विचारक चमू कृष्ण शास्त्री समेत कई बड़े दिग्गजों को एनसीईआरटी का सिलेबस और सिलेबल तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है.
एक अधिसूचना के अनुसार, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा जारी सर्कुलर में बताया गया है कि हाई पावर वाली नेशनल सिलेबस और टीचिंग लर्निंग कमेटी को तीसरी क्लास से 12वीं तक के लिए स्कूल पाठ्यक्रम विकसित करने और कक्षा 2 से 3 तक जरूरी परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए कक्षा 1 से 2 की मौजूदा पाठ्यपुस्तकों को संशोधित करने का अधिकार दिया जाएगा.
राष्ट्रीय शैक्षिक योजना और प्रशासन संस्थान (NIEPA) के चांसलर महेश चंद्र पंत को 19 सदस्यीय राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शिक्षण शिक्षण सामग्री समिति (NCTC), यह एक स्वायत संस्था होगी, का अध्यक्ष बनाया गया है, जो नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड प्लानिंग इन एडमिनिस्ट्रेशन के चांसलर हैं और सह-अध्यक्षता प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मंजुल भार्गव करेंगे. समिति में ईएसी पीएम अध्यक्ष बिबेक देबरॉय, पूर्व महानिदेशक सीएसआईआर डॉ शेखर मांडे के साथ-साथ संजीव सान्याल भी शामिल होंगे, जो ईएसी प्रधानमंत्री कार्यालय के सदस्य हैं.
अन्य सदस्यों में कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय से प्रोफेसर सुजाता रामादोराई, बेंगलुरु के प्रकाश पदुकोण बैडमिंटन अकादमी के निदेशक यू. विमल कुमार, आईआईटी गांधीनगर में विजिटिंग प्रोफेसर माइकल डैनिनो, हरियाणा से सेवानिवृत्त और कैडर और पूर्व महानिदेशक हिपा आईएएस सुरीना रंजन, भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष चमू कृष्ण शास्त्री, चेन्नई नीति अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष डॉ एमडी श्रीनिवास, प्रमुख कार्यक्रम कार्यालय NSTC गजानन लोंढे, एससीईआरटी सिक्किम के निदेशक राबिन छेत्री, एनसीईआरटी प्रोफेसर प्रत्यूषा कुमार मंडल, प्रोफेसर दिनेश कुमार, प्रोफेसर कीर्ति कपूर और एनसीईआरटी प्रोफेसर रंजना अरोड़ा शामिल हैं.
एनसीईआरटी की अधिसूचना में कहा गया है कि पाठ्यपुस्तकें नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के तहत पाठ्यचर्या क्षेत्रों और विषयों को कवर या कॉल करेंगी, साथ ही शिक्षक पुस्तिका जैसी सहायक सामग्री भी शामिल होंगी. एनएसटीसी आवश्यकता पड़ने पर सलाह, परामर्श और सहायता के लिए अन्य विशेषज्ञों को आमंत्रित करने के लिए स्वतंत्र होगा. एनएसटीसी को एनसीईआरटी द्वारा स्थापित कार्यक्रम कार्यालय द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी और वह उन्हें सभी आवश्यक विशेषज्ञता और सहायता भी प्रदान करेगा.
एनसीईआरटी के अध्यक्ष प्रोफेसर दिनेश प्रसाद सकलानी ने कहा कि "पैनल में प्रत्येक सदस्य की एक भूमिका होगी, जिसे सर्कुलर में विस्तार से बताया गया है कि वे नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क और एनईपी 2020 के तहत पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों के विकास के लिए किस प्रकार का समर्थन प्रदान करेंगे. प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने क्षेत्र में एक स्थापित व्यक्ति है. अगले एक साल के अंदर इन पाठ्यपुस्तकों को लाने के लिए समयबद्ध तरीके से काम करने का प्रयास किया जाएगा."