Supreme Court Decision on NEET: नीट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर आज सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान पेपर लीक और परीक्षाओं की शुचिता और गोपनीयता पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अपना रुख साफ किया. उन्होंने कहा कि अगर परीक्षा की शुचिता के साथ समझौता हुआ है तो री-एग्जाम का फैसला देना होगा. उन्होंने आगे कहा कि अगर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से पेपर लीक हुआ है तो ये जंगल में आग की तरह फैलता है. फिलहाल मामले की अगली सुनवाई बुधवार 11 जुलाई को होगी.
CJI ने एनटीए से पूछा कि 720 अंक जिन 67 छात्रों को मिले है उनमें से कितने छात्रों को ग्रेस मार्क मिले हैं, इसकी डिटेल जानकारी चाहिए. अगर छात्रों को परीक्षा की सुबह प्रश्न पत्र ही पढ़ने या उत्तर याद करने के लिए कहा जाता, तो शायद लीक इतना व्यापक नहीं होताा. अगर हम गलत काम करने वाले उम्मीदवारों की पहचान नहीं कर सकते, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा. जिन छात्रों को 720 अंक मिले है उनमें से कोई रेड फ्लैग यानी खतरे का संकेत तो नही? अगर ऐसा हो तो क्या इसकी जांच हो सकती है?
अगर लीक टेलीग्राम/व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से हो रहा है तो यह जंगल में आग की तरह फैलता है. वहीं अगर लीक 5 तारीख की सुबह हुआ तो फैलने का समय सीमित था. यह 23 लाख छात्रों से जुड़ा मामला है. एसजी तुषार मेहता ने कहा कि हमने 100 शीर्ष रैंकिंग वाले छात्रों के पैटर्न की जांच की. विश्लेषण से पता चला कि वे 18 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 56 शहरों में 95 केंद्रों से ये छात्र थे. CJI ने पूछा कितने FIR दर्ज हुए है? NTA की तरफ से कहा गया कि एक पटना में हुआ है. बाकी याचिकाकर्ता 6 एफआइआर का जिक्र रहे है. बाकी जानकारी अगर अदालत चाहे तो हम कल दे सकते है? चीफ जस्टिस ने दोबारा परीक्षा की चुनौतियों का जिक्र किया. दोबारा परीक्षा की तैयारी, इंतजाम, छात्रों की यात्रा, परिवहन आदि के खर्च का भी ध्यान रखना होगा
क्या था पूरा मामला?
चार जून को नीट यूजी परीक्षा का परिणाम सामने आने के बाद से ही अभ्यर्थियों में खलबली मची हुई है. रिजल्ट देखने के बाद 67 टॉपर्स और एक ही सेंटर से 8 टॉपर का नाम लिस्ट में देखने के बाद छात्रों को परीक्षा में धांधली का संदेह था. इसके बाद छात्रों ने सड़कों से लेकर सोशल मीडिया पर एनटीए के खिलाफ जांच की मांग उठाई. सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गईं और इस बीच कोर्ट के सामने एनटीए ने फैसला लिया कि वह ग्रेस मार्क्स वाले कैंडिडेट्स का दोबारा एग्जाम करवाएंगे. 23 जून को परीक्षा हुई और टॉपर 67 से घटकर 61 हो गए. सुप्रीम कोर्ट में हो चुकी पहली सुनवाई में यह फैसला लिया गया कि सभी याचिकाओं पर 11 जुलाई को अगली सुनवाई होगी.