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UP में नहीं हो सका, बिहार में लागू होगा टीचर्स की ऑनलाइन अटेंडेंस का रूल? जानें क्या-क्या बदलेगा

Teachers Online Attendance Rule: बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने कहा है कि 01 अक्टूबर से केवल उन्हीं शिक्षकों को वेतन दिया जाएगा जिनकी एप्लिकेशन पर ऑनलाइन अटेंडेंस होगी. नए आदेश में यह भी कहा गया है कि एक सितंबर को सभी शिक्षक एप्लिकेशन को अपडेट कर लेंगे. अटेंडेंस को लेकर नए विकल्प जोड़े गए हैं. 

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

Teacher's Online Attendance: शिक्षकों की ऑनलाइन अटेंडेंस का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है. उत्तर प्रदेश में फिलहाल शिक्षकों की ऑनलाइन अटेंडेंस अभी शुरू नहीं हो सकी है. इस बीच बिहार सरकार ने 01 अक्टूबर 2024 से शिक्षकों की ऑनलाइन अटेंडेंस लागू करने का निर्देश दे दिया है. साथ ही उन शिक्षकों को सख्त निर्देश दिया गया है कि अगर ई शिक्षाकोष मोबाइल एप पर ऑनलाइन अटेंडेंस नहीं होगी तो वेतन नहीं बन सकेगा. बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ केके पाठक से भी सख्त निकले. एस सिद्धार्थ ने बीते मंगलवार (27 अगस्त 2024) ऑनलाइन अटेडेंस को लागू करने के सख्त निर्देश जारी किए हैं. अब हालांकि यूपी में शिक्षकों के विरोध के बाद इस ऑनलाइन अटेंडेंस के फैसले को फिलहाल टाल दिया गया है. अब देखना यह होगा कि जो यूपी में नहीं हो सका क्या बिहार में हो पाएगा.

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यूपी में क्या थे शिक्षकों की ऑनलाइन अटेंडेंस के नियम?
दरअसल, डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम रियल-टाइम डेटा अपडेट करता है, जिसे शिक्षा विभाग के अधिकारी देख सकते हैं. इससे समय पर हाजिरी का ट्रैक रखना और ज़रूरी कदम उठाना आसान हो जाता है. उत्तर प्रदेश में 5 जुलाई, 2024 को महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने एक आदेश जारी किया था. इस आदेश के तहत, बेसिक शिक्षा परिषद के सभी स्कूलों के शिक्षकों के लिए 8 जुलाई, 2024 से ऑनलाइन अटेंडेंस अनिवार्य कर दी गई थी. ऑनलाइन अटेंडेंस के लिए, स्कूल सुबह 8 बजे खुलने पर शिक्षकों को 7.30 से 7.45 बजे के बीच अपनी फोटो टेबलेट से लेकर प्रेरणा ऐप पर अपलोड करनी थी. यह ऐप इसी समय एक्टिव रहता था और स्कूल परिसर में होने पर ही अटेंडेंस के लिए इनेबल रहता था.

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ऑनलाइन अटेंडेंस का विरोध क्यों?
हालांकि, शिक्षकों ने इस आदेश का विरोध किया और ऑनलाइन अटेंडेंस का बहिष्कार कर दिया. शिक्षकों ने कई बातों के आधार पर इसका विरोध किया था. कुछ शिक्षकों का कहना था कि बारिश के कारण खराब रास्ते, स्कूलों में जलभराव जैसी व्यवहारिक दिक्कतें हैं. ऐसे में ऑनलाइन अटेंडेंस देना मुश्किल है. साथ ही कुछ शिक्षकों ने इस एप और टेबलेट में भी टेक्निकल खराबी की बात भी कही थी, जिससे समय पर उनकी अटेंडेंस नहीं लगी और सैलरी कटने का डर बना. यूपी में काफी कोशिशों के बाद भी ऑनलाइन अटेंडेंस का आंकड़ा एक प्रतिशत को पार नहीं कर सका. इसी वजह से, 17 जुलाई, 2024 को सरकार ने ऑनलाइन अटेंडेंस के आदेश को दो महीने के लिए स्थगित कर दिया. मुख्य सचिव की ओर से डिजिटल हाजिरी पर फ़िलहाल रोक का आदेश जारी किया गया है. 

बिहार सरकार के नियमों के अनुसार क्या-क्या बदलेगा?

बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने कहा है कि 01 अक्टूबर से केवल उन्हीं शिक्षकों को वेतन दिया जाएगा जिनकी एप्लिकेशन पर ऑनलाइन अटेंडेंस होगी. नए आदेश में यह भी कहा गया है कि एक सितंबर को सभी शिक्षक एप्लिकेशन को अपडेट कर लेंगे. अटेंडेंस को लेकर नए विकल्प जोड़े गए हैं. 

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शिक्षा विभाग ने इस एप में स्कूल एडमिन का ऑप्शन दिया है. इससे जो शिक्षक खुद मोबाइल एप से हाजिरी नहीं बनाते हैं, उन शिक्षकों की हाजिरी प्रिंसिपल भी दर्ज कर सकते हैं.

बिहार में सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और बेहतर करने के मकसद से ऑनलाइन अटेंडेंस का रुख किया जा रहा है. अगर टीचर स्कूल छोड़ते हैं तो उन्हें इस एप पर उसकी जानकारी देनी होगी. 

अगर किसी शिक्षक को छुट्टी लेनी है तो उसे पहले प्रिंसिपल से परमिशन लेनी होगी, उसके बाद ही ई-शिक्षाकोष मोबाइल एप के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे.

किसी शिक्षक को अगर स्कूल के काम से बाहर जाना है तो ऐसे स्थिति में मोबाइल एप पर अगल से अटेंडेंस का ऑप्शन दिया गया है. प्रिंसिपिल की परमिशन के बाद ही स्कूल से बाहर जाने के लिए मोबाइल एप पर आवेदन कर सकते हैं.

ऑनलाइन अटेंडेंस बनाने और स्कूल छोड़ने का समय अपलोड होने के बाद शिक्षा विभाग से किसी भी जांच दल को स्कूल में जाने की जरूरत नहीं होगी. 

यह एप स्कूल के 500 मीटर के अंदर ही काम करेगा. 

इस एप में सेल्फी फिचर डाला गया है. टीचर जब भी लॉगइन करेंगे तो उसमें सबसे पहला ऑप्शन सेल्फी लेने का आएगा. इसके बाद ही अटेंडेंस दर्ज की जा सकेगी. 

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बिहार में ऑनलाइन अटेंडेंस पर क्या है राय?
शिक्षा विभाग की आदेश के बाद शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी पर रिएक्शन आने शुरू हो गए हैं. 'एक्स' (पहले ट्विटर)पर एक यूजर ने लिखा, 'अटेंडेंस ऑनलाइन चाहिए और छुट्टी का आवेदन लिखित रूप में. गजबे हैं शिक्षा विभाग के अधिकारी और उनके बनाए जा रहे नियम कानून.' एक दूसरे यूजर ने ऑनलाइन अटेंडेंस के साथ सभी शिक्षकों की गृह जिला में पोस्टिंग की मांग की. यूजर ने लिखा, 'सभी शिक्षकों को गृह जिला में पोस्टिंग कर दीजिए जिनसे शिक्षण कार्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव ना पड़ सके. इनसे सभी शिक्षक ससमय #e_shikshakoshapp पर भी प्रतिदिन अपना उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे.'

वहीं एक दूसरे यूजर ने भी शिक्षकों की ऑनलाइन अटेंडेंस का स्वागत किया लेकिन शिक्षकों की तर्कसंगत तैनाती का मुद्दा उठाया. 'एक्स' पर लिखा, 'ऑनलाइन अटेंडेंस अनिवार्य करना कोई मुद्दा नहीं है, ऐसा किया जाना चाहिए, लेकिन शिक्षक का तर्कसंगत तबादला करके ऐसा करें. आपने महिला शिक्षक को ऐसे इलाके में तैनात किया है, जहां परिवहन की सुविधा नहीं है. उन्हें कोसी नदी पार करके 8-10 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. तैनाती को तर्कसंगत बनाएं.'

 

 

 

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बता दें कि 25 जून सेशिक्षा विभाग ने 25 जून 2024 से ही ई शिक्षाकोष मोबाइल एप के माध्यम से हर दिन शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को उपस्थिति दर्ज कराने का निर्देश दिया था. इस निर्देश के बाद करीब 80 फीसद प्रधानाध्यापक और शिक्षक ही इस एप से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं.

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