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बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने इन 7 लॉ कॉलेजों को छात्रों को एडमिशन देने से रोका, देखें लिस्ट

कानून की पढ़ाने की इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए एक चेतावनी है. छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी कॉलेज में दाखिला लेने से पहले यह जरूर चेक कर लें कि कहीं उस कॉलेज के एडमिशन पर बार काउंसिल ने रोक तो नहीं लगाई है. क्योंकि कानूनी शिक्षा के लिए निर्धारित आवश्यक मानकों को पूरा ना करने के लिए कुछ लॉ कॉलेज बैन कर दिए गए हैं.

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Bar Council of India
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Bar Council of India bars bans 7 law colleges admission: बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने देश के सात लॉ कॉलेजों के एडमिशन पर रोक लगा दी है. शैक्षणिक वर्ष 2024-2025 में अगर आप लॉ कॉलेज में एडमिशन लेने का सोच रहे हैं तो बार काउंसिल की ओर से जारी इन कॉलेजों की लिस्ट को देख लें. शैक्षिक मानकों और विनियमों के साथ संस्थानों के अनुपालन की गहन समीक्षा के बाद यह निर्णय घोषित किया गया है. इन कॉलेजों में यूपी, राजस्थान और आंध्र प्रदेश के कॉलेज शामिल हैं.  BCI ने इन कॉलेजों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. जवाब मिलने के बाद ही BCI कोई अंतिम फैसला लेगा.

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इन कॉलेजों में शैक्षणिक वर्ष 2024-2025 और उससे आगे के लिए छात्रों को प्रवेश देने से रोका-

कॉलेज का नाम सम्बद्ध यूनिवर्सिटी
एचएस लॉ कॉलेज, आगरा रोड, एटा, उत्तर प्रदेश डॉ भीम राव अंबेडकर विश्वविद्यालय
मास्टर सोमनाथ लॉ कॉलेज, भरतपुर, राजस्थान डॉ. भीमराव अंबेडकर लॉ यूनिवर्सिटी, राजस्थान
श्री कृष्णा कॉलेज ऑफ लॉ, दौला, बागपत, उत्तर प्रदेश चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश
श्री ईश्वर रेड्डी कॉलेज ऑफ लॉ, अंजिमेडु, तिरुपति जिला, आंध्र प्रदेश श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, आंध्र प्रदेश
श्री शिरडी साईं विद्या परिषद, श्री शिरडी साईं लॉ कॉलेज, गवरपालम, अनकापल्ली, आंध्र प्रदेश आंध्र विश्वविद्यालय
एसएस कॉलेज ऑफ लॉ, मदनपुर, जिला अलीगढ़, उत्तर प्रदेश डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय
तेजू सिंह मेमोरियल लॉ कॉलेज, शबाईपुर, गजरौला, जे पी नगर, उत्तर प्रदेश महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय

दरअसल, जिन 7 कॉलेजों को बीसीआई ने बैन किया है वे भारत में कानूनी शिक्षा के लिए निर्धारित आवश्यक मानकों को पूरा नहीं कर रहे थे. हालांकि, वे कौन से मानक थे आदि के बारे में सीबीआई की तरफ से पूरी जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन इन कॉलेजों में एडमिशन रोकने का कराण खराब इंफ्रास्ट्रकचर, अच्छी फैकल्टी का ना होना आदि समस्याएं हैं. अब इन कॉलेजों में तब तक एडमिशन नहीं होगा, जब तक कि यह बीसीआई के सभी मानकों को पूरा नहीं कर लेते. बैन किए हुए कॉलेजों से बीसीआई ने कहा है कि वे बताए गए मुद्दों को तुरंत संबोधित करें और कमियों को ठीक करने के बाद समीक्षा के लिए आवेदन करें. बीसीआई इन संस्थानों को दोबारा चेक करेगा, अगर सब ठीक हुआ तब ही दोबारा प्रेवश के लिए अनुमति दी जाएगी.

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