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शुरू हो रहा दुनिया का सबसे पहला विज्ञान आधारित रियलिटी शो "विज्ञान घर", जानें खासियतें

विज्ञान घर रियलिटी शो में 10 दिन के लिए देशभर से चयनित 20 विज्ञान में रुचि रखने वाले युवा वैज्ञानिक इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज में बने विज्ञान घर में रहेंगे. इनका इस दौरान बाहरी दुनिया से कोई कनेक्शन नहीं होगा.

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विज्ञान घर रियलिटी शो
विज्ञान घर रियलिटी शो

प्रगति विज्ञान संस्था द्वारा दुनिया के सबसे पहले विज्ञान आधारित रियलिटी शो "विज्ञान घर" सीजन 3 शुरू होने जा रहा है. विज्ञान घर बौद्विक, शारिरिक, मानसिक व सामाजिक सृजनशिलता से बना घर है. विज्ञान में रुचि रखने वाले 20 युवा इस शो का हिस्सा बनेंगे. शो के दौरान सभी का बाहरी दुनिया से कोई कनेक्शन नहीं रहेगा. इसका आयोजन औद्योगिक क्षेत्र साइट 4 साहिबाबाद स्थित इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज में होगा. विज्ञान गुरु दीपक शर्मा ने बताया कि यह आयोजन दो स्थानों पर होगा और 24 जून को इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज में समापन व विजेता घोषित किया जाएगा. 

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15 जून से शुरू होगा विज्ञान घर रियलिटी शो
15 जून से 20 जून तक इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज,साहिबाबाद में और 21 जून से 23 जून तक हल्द्वानी के एमआईईटी कॉलेज में बेस कैंप रहेगा. इस दौरान 21 जून को मड्ड थेरपी और पृथ्वी की परिधि मापने का रियल प्रयोग होगा, जबकि 22 व 23 जून को नेचर वॉक और देवस्थली आर्यभट खगोल वेधशाला का भ्रमण होगा और 24 जून को वापस इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज में समापन व विजेता घोषित किया जाएगा.

20 विज्ञान प्रेमी लेंगे हिस्सा
विज्ञान गुरु दीपक शर्मा ने बताया कि 10 दिन के लिए देशभर से चयनित 20 विज्ञान में रुचि रखने वाले युवा वैज्ञानिक इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज में बने विज्ञान घर में रहेंगे. इनका इस दौरान बाहरी दुनिया से कोई कनेक्शन नहीं होगा. विज्ञान युवा हर रोज कोई न कोई विज्ञान प्रयोग या देश दुनिया की समस्याओं पर ही विज्ञान की मदद से समाधान ढूढने की कोशिश करेंगे. विज्ञान पुत्रों की घोषणा प्रतिदिन की जाएगी और आखिरी दिन में फाइनल विजेता के नाम की घोषणा की जाएगी. विज्ञान घर में रियल शोध करने वाले वैज्ञानिक भी शामिल रहेंगे. 

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साल 2015 में हुई थी शुरुआत
विज्ञान गुरु ने बताया कि विज्ञान घर जून 2015 में शुरू किया गया था और यह तीसरा विज्ञान घर बनाया जा रहा है. समिति द्वारा विज्ञान घर के सभी सदस्यों का चयन कर लिया गया है और जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी. कॉलेज के अंदर विज्ञान घर का सेटअप तैयार होना शुरू हो गया है.

विज्ञान घर का उद्देश्य:-  

  • विज्ञान सीखने व उसके उपयोग करने की प्रकिया को आस पास के परिवेश व वातावरण से जोड़ना है.
  • प्रकृतिक नैसर्गिक जिज्ञासा व सृजनात्मकता को विकसित करने का अवसर प्रदान करना.
  • औपचारिक शिक्षा पद्वति व व्यवस्था में अनौपचारिक सार्थक हस्तक्षेप.
  • युवा शक्ति को भविष्य के प्रति सार्थक सपने संजाने व उन्हे साकार करने के लिए प्रोत्साहित कर ऐसे मानव संसाधन का निर्माण करना जो समाज व राष्ट्र के प्रति संवेदनशील एवं उत्तरदायी हो.
  • युवाओ में वैज्ञानिक विधि द्वारा कार्ययोजना बनाकर परिणाम तक पहुचाने की प्रवृत्ति का विकास करना.
  • आम जनमानस में वैज्ञानिक समझ विकसित करना.
  • भारतीय वैज्ञानिक सांस्कृतिक परम्परा के साथ आधुनिक विज्ञान के साथ सामंजस्य स्थापित करना.

समाज के लिए प्रभाव:-

  • दिशाहिनो को अपने लिए दिशा मिलेगी.
  • विज्ञान घर के माध्यम से समाज में फैली रूढिवादि सोच को दूर करने में मदद मिलेगी.
  • विज्ञान के प्रति लगाव बढ़ेगा.
  • विज्ञान रहस्यवाद नहीं समाज को अपना सा लगेगा.
  • उन्हे महसूस होगा कि दैनिक जीवन में हर पल जो कुछ घट रहा हैं वो विज्ञान ही तो है.

विज्ञान गुरू का कहना है कि विज्ञान समाज के विकास का आइना हैं उदाहरण के तौर पर देखें तो जहां हांगकंग में मैकेनीकली चीजो का वातावरण है. वहीं भारत आईटी सेक्टर में आगे हैं जो रोबोटिक व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी के माध्यम से समाज के विकास को प्रभावित कर रहा है.

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कौन हैं विज्ञान गुरू दीपक शर्मा?

  • विज्ञान गुरू दीपक शर्मा एशिया के पहले व एकमात्र अध्यापक जिसे युरोपियन साइंस मीट में 2010 में आमंत्रित किया गया यह आयोजन फ्रांस के टोलूज शहर में किया गया था.
  • दुनिया के पहले व्यक्ति जिन्होंने 8 जून 2004 को 121 साल बाद होने वाले शुक्र पारगमन के अवसर पर पृथ्वी से सूरज की दूरी बताई.
  • दुनिया का पहला विज्ञान आधारित रियलिटी शो विज्ञान घर का आयोजन किया और उसके पहले विज्ञान गुरू बने.
  • विज्ञान गणित के सूत्रों को गीत के रूप में रिकॉर्ड किया.
  • एक छड़ की परछाई से पृथ्वी की परिधि मापने जैसे रियल प्रयोग को 2005 से भारत में पॉपुलर किया और अक्षान्तर देशान्तर निकालने और रियल नार्थ का पता करने  जैसे सैकड़ो  रियल नवाचारी प्रयोगों को अपने शिक्षण कार्य का हिस्सा बनाया.
  • बच्चों में विज्ञान व प्रौद्योगिकी लोकप्रियकरण में उत्कृष्ट प्रयास के लिए व बच्चो के लिए विज्ञान लेखन व पत्रकारिता के लिए एक साथ दो राष्ट्रीय पुरूस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षक हैं.
  • एशिया में एनालेमा सन डायल को पॉपुलर एवं बनाने का काम किया.
  • अन्धविश्वास को दूर करने के लिए धारावाहिक 'बच के रहना रे बाबा' के 74 एपिसाड में मुख्य वैज्ञानिक की भूमिका निभाई.
  • पिछले 33 साल से मेरठ के कालिज में विज्ञान अध्यापक हैं.

 

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