इलेक्ट्रिकल असिस्टेंट परीक्षा रद्द होने के बाद वडोदरा में आज लगातार दूसरे दिन 1200 से ज्यादा छात्रों ने प्रदर्शन किया. 1200 से ज्यादा छात्र गुजरात एनर्जी ट्रांसमिशन कार्पोरेशन लिमिटेड (GETCO), वडोदरा कार्यालय के बाहर धरने पर करने बैठे थे और एग्जाम कैंसिल करने के फैसला को वापस लेने की मांग कर रहे थे. एक तरफ राज्य सरकार द्वारा नई तारीखों की घोषणा कर दी गई है तो दूसरी तरफ छात्र मांग कर रहे हैं कि उन्हें नियुक्ति पत्र दिया जाए. वह पिछले कुछ समय से कड़ी मेहनत कर रहे थे और परिणाम आने के बाद सरकार ने परीक्षा रद्द कर दी है.
क्या है मामला?
दरअसल, यह विरोध तब शुरू हुआ जब राज्य सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में "तकनीकी खराबी" के कारण इस साल की शुरुआत में आयोजित परीक्षा को रद्द करने के फैसले की घोषणा की. प्रदर्शनों के बीच, 28 और 29 दिसंबर को पोल टेस्ट दोबारा आयोजित करने और 7 जनवरी को लिखित परीक्षा के लिए गुरुवार शाम को नई तारीखों की घोषणा की गई. हालांकि, नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों ने कहा है कि वे इस फैसले खुश नहीं हैं.
नियुक्ति पत्र मांग कर रहे अभ्यर्थी
राज्य भर से 1,200 से अधिक उम्मीदवार गुरुवार सुबह जीयूवीएनएल कार्यालय के बाहर इकट्ठा हुए और विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने उन नियुक्ति पत्रों की मांग की जो एग्जाम कैंसिल के बाद रोक दिए गए थे. प्रदर्शनकारी उम्मीदवारों को आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के नेताओं का समर्थन प्राप्त था क्योंकि उन्होंने 12 घंटे से अधिक समय तक धरना जारी रखा.
दो बाद भी नहीं बनी बात
गुजरात में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता युवराजसिंह जडेजा भी इस आंदोलन में जुड़े थे. उन्होंने विद्यार्थीओ को साथ में रखकर GETCO के एमडी के साथ बातचीत भी की. एमडी ने इस मामले में लीगल टीम के साथ बात करने फैसला करने के लिए दो दिन की मोहलत मांगी थी. हालांकि युवराज सिंह ने छात्रों से बातचीत की और एमडी ने जिस प्रकार से मोहलत मांगी थी, जिसके बाद दो दिन का समय दिया गया था. इस पर अभ्यर्थियों ने कहा कि अगर दो दिन में कुछ निर्णय नहीं आया तो फिर से आंदोलन शुरू करने की बात भी बताई थी.
5 हजार से ज्यादा उम्मीदवारों ने दिया था एग्जाम
5,000 से अधिक उम्मीदवार दो भागों में- पोल टेस्ट और लिखित परीक्षा GETCO परीक्षा के लिए उपस्थित हुए थे. पोल टेस्ट 6 मार्च से 13 मार्च के बीच GETCO के विभिन्न सर्किलों द्वारा आयोजित किया गया था. इसमें एक बिजली के खंभे पर चढ़ने और उतरने में उम्मीदवार की दक्षता की जांच करता है. वहीं, लिखित परीक्षा 9 सितंबर को आयोजित की गई थी.