भारतीय छात्राओं दिव्यांगना शर्मा और रितिका सक्सेना ने प्रतिष्ठित विक्टोरियन प्रीमियर पुरस्कार जीता है. यह पुरस्कार उत्कृष्ट अंतरराष्ट्रीय छात्रों को मनाने के लिए ऑस्ट्रेलिया में विक्टोरियन सरकार की एक पहल है.
ऑस्ट्रेलिया में दो भारतीय महिला छात्रों दिव्यांगना शर्मा और रितिका सक्सेना ने प्रतिष्ठित विक्टोरियन प्रीमियर पुरस्कार जीता है. द ऑस्ट्रेलिया टुडे में लिखते हुए अमित सरवाल ने कहा कि ये पुरस्कार विक्टोरिया में उत्कृष्ट अंतरराष्ट्रीय छात्रों को मनाने के लिए विक्टोरियन सरकार की एक पहल है.
दिव्यांगना शर्मा ने प्रतिष्ठित विक्टोरियन प्रीमियर अवार्ड इंटरनेशनल स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2021-22 जीता है, जबकि रितिका सक्सेना ने रिसर्च कैटेगरी में इंटरनेशनल स्टूडेंट ऑफ द ईयर का पुरस्कार जीता है, वहीं दिव्यांगना ने उच्च शिक्षा श्रेणी में विक्टोरियन अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा पुरस्कार 2021-22 जीता है. सरवाल ने कहा कि वह फरवरी 2020 में होम्सग्लेन इंस्टीट्यूट में नर्सिंग की पढ़ाई करने मेलबर्न आई थीं.
उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक विविधता, LGBTQIA+ समुदाय का समावेश, शिक्षा के अवसर, कला और संस्कृति ही मेलबर्न को एक अनूठा शहर बनाती है और विदेशों में अध्ययन करने के इच्छुक लोगों के लिए एक चुंबक की तरह काम करती है. द ऑस्ट्रेलिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, रितिका 18 साल की उम्र में मेलबर्न चली गईं और अब स्टेम सेल अनुसंधान में शामिल पीएचडी की छात्रा हैं.
रितिका ने कहा कि जब आप विक्टोरिया जाते हैं तो आप एक अंतरराष्ट्रीय छात्र होते हैं. लेकिन जब तक आप अपनी डिग्री पूरी करते हैं, तब तक आप वास्तव में ग्लोबल हो जाएंगे. बता दें कि यहां प्रत्येक छात्र श्रेणी में पुरस्कार विजेताओं को, वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय पूर्व छात्र के अपवाद के अलावा उनकी पढ़ाई का समर्थन करने के लिए प्रत्येक को 6,000 अमरीकी डालर से सम्मानित किया जाता है और प्रति छात्र श्रेणी में दो उपविजेता को 2,000 अमरीकी डालर से सम्मानित किया जाता है.