यूके की मशहूर साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी को भारत के गुरुग्राम में एक ब्रांच कैंपस खोलने की मंजूरी मिल गई है. इस फैसले को भारत और विदेश के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों की एक स्थायी समिति ने मंजूरी दी. यूजीसी की ओर से जारी सूचना के मुताबिक नये इंडियन कैंपस द्वारा प्रदान की जाने वाली डिग्रियां यूके में साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जाने वाली डिग्रियों के समान होंगी.
यही नहीं यहां समान हाइ एकेडमिक और क्वालिटी पैरामीटर्स को सुनिश्चित करती हैं. कैंपस में व्यवसाय और प्रबंधन, कंप्यूटिंग, कानून, इंजीनियरिंग, कला और डिजाइन, जैव विज्ञान और जीवन विज्ञान सहित कई विषयों में प्रोग्राम्स होंगे. यूजीसी के चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने कहा कि साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के भारत परिसर द्वारा प्रदान की जाने वाली डिग्रियां मेजबान विश्वविद्यालय के समान ही होंगी. भारत में साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के शाखा परिसर में पेश किए जाने वाले कार्यक्रमों में समान शैक्षणिक और गुणवत्ता मानक होंगे.
साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय की ग्लोबल रैंकिंग की बात करें तो क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 में 81वें स्थान पर और टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 में 97वें स्थान पर रखा गया है. एक शोध-गहन संस्थान के रूप में, विश्वविद्यालय शिक्षा, अनुसंधान और प्रभाव के ट्रिपल हेलिक्स मॉडल के लिए समर्पित है.
भारतीय परिसर में जुलाई 2025 में अपने शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू होने की उम्मीद है. प्रो जगदीश कुमार के अनुसार कि भारतीय परिसर की स्थापना छात्रों के लिए अत्यधिक लाभकारी होगी, भारत में पाठ्यक्रम और अध्ययन के अवसरों का विस्तार होगा और अनुसंधान, ज्ञान के आदान-प्रदान, उद्यम और जुड़ाव को बढ़ावा मिलेगा.
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (भारत में विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के परिसरों की स्थापना और संचालन) विनियम, 2023 को आधिकारिक तौर पर 7 नवंबर 2023 को राजपत्र में अधिसूचित किया गया. यूजीसी के अध्यक्ष ने भारत में विदेशी विश्वविद्यालय परिसरों की स्थापना और संचालन से संबंधित मामलों की जांच की निगरानी के लिए एक स्थायी समिति का गठन किया. प्रस्ताव ऑनलाइन आमंत्रित किए गए, जो भारत में उच्च शिक्षा के वैश्वीकरण की दिशा में एक प्रगतिशील कदम है.