UGC New Rule for HEIs: देशभर के शिक्षण संस्थानों में नियम बदलने वाले हैं. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने गुरुवार (27 फरवरी 2025) को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2025 विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (उच्च शिक्षा संस्थानों में समानता को बढ़ावा देना) विनियम, 2025 का ड्राफ्ट जारी किया है. यूजीसी के ड्राफ्ट विनियम, देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों (HEIs) में समानता (Equity), समावेशिता (Inclusion) और भेदभाव को खत्म करने (Non-Discrimination) को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए हैं.
यूजीसी के ये नियम (ड्राफ्ट) राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत भारत भर के हायर इंस्टीट्यूट्स में (HEis) इक्विटी, समावेशन और गैर-भेदभाव को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किए गए हैं. इनका उद्देश्य उच्च शिक्षा संस्थानों में धर्म, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव को रोककर सभी छात्रों, फैकल्टी मेंबर्स और कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित, समावेशी और न्यायसंगत सीखने का माहौल सुनिश्चित करना है.
UGC ड्राफ्ट नियम की जरूरी बातें
समान अवसर केंद्र (Equal Opportunity Centre) में क्या-क्या होगा?
हर उच्च शिक्षा संस्थान (HEI) में एक समान अवसर केंद्र बनाया जाएगा, जिसका उद्देश्य वंचित वर्गों के लिए नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करना, शैक्षणिक, आर्थिक, सामाजिक और अन्य मामलों में मार्गदर्शन और परामर्श देना, और कैंपस में विविधता को बढ़ावा देना होगा. यह केंद्र सिविल सोसाइटी, स्थानीय मीडिया, पुलिस, जिला प्रशासन, गैर-सरकारी संगठनों, फैकल्टी, स्टाफ और अभिभावकों के साथ समन्वय स्थापित करेगा, ताकि इन नियमों को सही तरीके से लागू किया जा सके.
संस्थान के प्रमुख (Head of Institution) एक स्थायी प्रोफेसर को इस केंद्र का समन्वयक (Coordinator) नियुक्त करेंगे, जो वंचित वर्गों के कल्याण में रुचि रखते हों. केंद्र के प्रबंधन और भेदभाव संबंधी शिकायतों की जांच के लिए संस्थान प्रमुख एक इक्विटी समिति (Equity Committee) बनाएंगे.
इक्विटी कमेटी में कौन-कौन होगा?
किन संस्थानों पर लागू होंगे यूजीसी के नए नियम
ये नियम देशभर के सभी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और उच्च शिक्षा देने वाले संस्थानों पर लागू होंगे, जो-
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (उच्च शिक्षा संस्थानों में समानता को बढ़ावा देना) विनियम, 2025 का ड्राफ्ट-
ड्राफ्ट में समान अवसर केंद्रों, इक्विटी हेल्पलाइनों की स्थापना और इक्विटी समितियों की संरचना के लिए अधिदेश शामिल हैं. हालांकि अभी स्टेकहोल्डर्स को 30 दिन के अंदर यूजीसी ड्राफ्ट की समीक्षा करके गूगल फॉर्म के जरिए अपनी प्रतिक्रिया सबमिट करने का समय दिया गया है. इसके बाद ये आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे.