scorecardresearch
 

UGC New Rule: कॉलेजों में बदलने वाले हैं नियम? यूजीसी ने जारी किया नया ड्राफ्ट, जानिए फैकल्टी से लेकर स्टूडेंट्स पर क्या पड़ेगा फर्क

UGC New Rule: यूजीसी के ये नियम (ड्राफ्ट) राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत भारत भर के हायर इंस्टीट्यूट्स में (HEis) इक्विटी, समावेशन और गैर-भेदभाव को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किए गए हैं. इनका उद्देश्य उच्च शिक्षा संस्थानों में धर्म, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव को रोककर सभी छात्रों, फैकल्टी मेंबर्स और कर्मचारियों को सुरक्षित माहौल देना है.

Advertisement
X
यूजीसी अध्यक्ष एम जगदीश कुमार की फाइल फोटो
यूजीसी अध्यक्ष एम जगदीश कुमार की फाइल फोटो

UGC New Rule for HEIs: देशभर के शिक्षण संस्थानों में नियम बदलने वाले हैं. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने गुरुवार (27 फरवरी 2025) को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2025 विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (उच्च शिक्षा संस्थानों में समानता को बढ़ावा देना) विनियम, 2025 का ड्राफ्ट जारी किया है. यूजीसी के ड्राफ्ट विनियम, देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों (HEIs) में समानता (Equity), समावेशिता (Inclusion) और भेदभाव को खत्म करने (Non-Discrimination) को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए हैं.

Advertisement

यूजीसी के ये नियम (ड्राफ्ट) राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत भारत भर के हायर इंस्टीट्यूट्स में (HEis) इक्विटी, समावेशन और गैर-भेदभाव को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किए गए हैं. इनका उद्देश्य उच्च शिक्षा संस्थानों में धर्म, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव को रोककर सभी छात्रों, फैकल्टी मेंबर्स और कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित, समावेशी और न्यायसंगत सीखने का माहौल सुनिश्चित करना है.

UGC ड्राफ्ट नियम की जरूरी बातें

  • भेदभाव पर रोक: धर्म, जाति, लिंग, जन्म स्थान या सामाजिक पृष्ठभूमि के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव प्रतिबंधित होगा. कोई भी उच्च शिक्षा संस्थान किसी भी प्रकार के भेदभाव की अनुमति या समर्थन नहीं करेगा.
  • समान अवसर केंद्र (Equal Opportunity Centre): हर शिक्षण संस्थान में यह केंद्र स्थापित किया जाएगा, जो आरक्षित वर्गों (SC/ST, OBC, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) को सहायता देगा.
  • इक्विटी हेल्पलाइन (Equity Helpline): छात्रों और शिक्षकों की शिकायतों के लिए 24x7 हेल्पलाइन उपलब्ध होगी.
  • भेदभाव की रिपोर्टिंग: HEIs को ऑनलाइन पोर्टल बनाना होगा, जहां कोई भी व्यक्ति भेदभाव की शिकायत दर्ज कर सकता है.
  • सख्त कार्रवाई: यदि कोई संस्थान इन नियमों का पालन नहीं करता, तो UGC उसकी मान्यता रद्द कर सकता है, डिग्री देने से रोक सकता है और सरकारी योजनाओं का लाभ बंद कर सकता है.
  • झूठी शिकायतों पर दंड: अगर कोई झूठी शिकायत करता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा और बार-बार गलत आरोप लगाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है.
  • सामाजिक जागरूकता अभियान: HEIs को छात्रों, शिक्षकों, पुलिस, अभिभावकों और प्रशासन को शामिल कर जागरूकता कार्यक्रम चलाने होंगे.

समान अवसर केंद्र (Equal Opportunity Centre) में क्या-क्या होगा?
हर उच्च शिक्षा संस्थान (HEI) में एक समान अवसर केंद्र बनाया जाएगा, जिसका उद्देश्य वंचित वर्गों के लिए नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करना, शैक्षणिक, आर्थिक, सामाजिक और अन्य मामलों में मार्गदर्शन और परामर्श देना, और कैंपस में विविधता को बढ़ावा देना होगा. यह केंद्र सिविल सोसाइटी, स्थानीय मीडिया, पुलिस, जिला प्रशासन, गैर-सरकारी संगठनों, फैकल्टी, स्टाफ और अभिभावकों के साथ समन्वय स्थापित करेगा, ताकि इन नियमों को सही तरीके से लागू किया जा सके.

Advertisement

संस्थान के प्रमुख (Head of Institution) एक स्थायी प्रोफेसर को इस केंद्र का समन्वयक (Coordinator) नियुक्त करेंगे, जो वंचित वर्गों के कल्याण में रुचि रखते हों. केंद्र के प्रबंधन और भेदभाव संबंधी शिकायतों की जांच के लिए संस्थान प्रमुख एक इक्विटी समिति (Equity Committee) बनाएंगे.

इक्विटी कमेटी में कौन-कौन होगा?

  • संस्थान का प्रमुख अध्यक्ष (Chairperson) होगा.
  • चार प्रोफेसर या वरिष्ठ फैकल्टी मेंबर होंगे.
  • दो सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि सदस्य होंगे.
  • दो छात्र प्रतिनिधि (जो पढ़ाई, खेल या सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में उत्कृष्टता रखते हैं) विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे.
  • समान अवसर केंद्र का समन्वयक सचिव (Member Secretary) के रूप में कार्य करेगा.
  • समिति में कम से कम एक महिला सदस्य और एक-एक सदस्य अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) से होना अनिवार्य है.

किन संस्थानों पर लागू होंगे यूजीसी के नए नियम
ये नियम देशभर के सभी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और उच्च शिक्षा देने वाले संस्थानों पर लागू होंगे, जो-

  • केंद्र या राज्य सरकार के अधिनियम के तहत स्थापित किए गए हैं.
  • UGC (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) द्वारा मान्यता प्राप्त हैं.
  • "मानित विश्वविद्यालय" (Deemed University) के रूप में घोषित किए गए हैं.
  • नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCF) लेवल 4.5 या उससे ऊपर की शिक्षा प्रदान करते हैं, यानी वे संस्थान जो उच्च शिक्षा से जुड़े कोर्स कराते हैं.

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (उच्च शिक्षा संस्थानों में समानता को बढ़ावा देना) विनियम, 2025 का ड्राफ्ट-

Advertisement

PDF देखें

ड्राफ्ट में समान अवसर केंद्रों, इक्विटी हेल्पलाइनों की स्थापना और इक्विटी समितियों की संरचना के लिए अधिदेश शामिल हैं. हालांकि अभी स्टेकहोल्डर्स को 30 दिन के अंदर यूजीसी ड्राफ्ट की समीक्षा करके गूगल फॉर्म के जरिए अपनी प्रतिक्रिया सबमिट करने का समय दिया गया है. इसके बाद ये आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे.

Live TV

Advertisement
Advertisement