
राजस्थान में विश्वविद्यालय परीक्षाओं में अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी. उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है. प्रथम वर्ष के छात्रों को 12वीं के अंक के आधार पर प्रमोट किया जाएगा. जुलाई के अंतिम सप्ताह और अगस्त के पहले सप्ताह में फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स की परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी.
विश्वविद्यालय की ओर से सितंबर में परीक्षाओं का रिजल्ट जारी किया जाएगा. सेकंड ईयर के छात्रों को भी प्रोविजनल आधार पर प्रमोट किया जाएगा. 31 दिसंबर तक स्थिति सामान्य होने परीक्षाएं कराई जा सकती हैं. ऑब्जेक्टिव विकल्प के आधार पर परीक्षाएं कराई जाएंगी.
एग्जाम 3 घंटे की जगह विश्वविद्यालय महज डेढ़ घंटे में पूरा खत्म कराएंगे. एक दिन में ही दो पेपर छात्रों को देने होंगे. 50 फीसदी सवालों को छात्रों को सॉल्व करना होगा. शिक्षा मंत्री भाटी ने कहा कि जिन कोर्सेज में विद्यार्थियों की संख्या कम है और विश्वविद्यालय के पास पर्याप्त संसाधन हैं, उनकी परीक्षाएं ऑनलाइन मोड में भी कराई जा सकती हैं.
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सेमेस्टर और प्रोफेशन कोर्स के छात्रों का ऑनलाइन एग्जाम
शिक्षा मंत्री के मुताबिक व्यावसायिक पाठ्यक्रम और सेमेस्टर पद्धति के पाठ्यक्रमों में की भी परीक्षाएं ऑनलाइन मोड पर कराई जाएंगी. प्रश्नपत्रों में सवालों को आनुपातिक रूप से 50 प्रतिशत हल करने का विकल्प भी छात्रों को मिलगा. जिन विषयों में दो या तीन प्रश्न पत्र होते हैं, उनके सभी प्रश्न पत्र एक ही पारी में करवाए जाएंगे. जरूरत पड़ने पर परीक्षा केंद्रों को बढ़ाया जा सकता है.
कोविड पॉजिटिव छात्रों के लिए क्या हैं नियम?
हायर एजुकेशन मिनिस्टर के मुताबिक परीक्षा केंद्रों पर कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन जरूरी होगा. इसके लिए अलग से गाइडलाइन भी जारी की जाएंगी. कोविड से संक्रमित परीक्षार्थी अगर परीक्षा में शामिल नहीं होते हैं तो उन्हें अलग से एग्जाम देना होगा. अगर कोई छात्र अपने नंबरों से संतुष्ट नहीं हैं तो उन्हें भी अलग से एग्जाम देने का अवसर दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों और उनमें कार्यरत शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों प्राथमिकता के साथ टीकाकरण कराया जाएगा.