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उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने सोमवार को 69000 शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के नाराज अभ्यर्थियों के साथ बैठक की. ये अभ्यर्थी लखनऊ में बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के आवास का घेराव करने पहुंचे थे. अभ्यर्थियों का आरोप है कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाला हुआ है.
शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों और अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने अभ्यर्थियों की शिकायत को सुना और आरक्षण को लेकर भी बात की. बैठक में डीजी स्कूल एजुकेशन विजय किरण आनंद, बेसिक शिक्षा विभाग व SCERT के निदेशक डॉ. सर्वेन्द्र विक्रम सिंह, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद पीएस बघेल मौजूद रहे.
नहीं हुआ कोई घोटाला- शिक्षा मंत्री
बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा, शिक्षक भर्ती पूरी तरह पारदर्शी है, इसमें कहीं आरक्षण घोटाला नहीं हुआ. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग से भी कोई पत्र नहीं मिला. शिक्षा मंत्री ने इस मामले में प्रमुख सचिव को आयोग से संपर्क करने के लिए कहा है. सतीश द्विवेदी ने कहा, आयोग जो रिपोर्ट देगा, हम उस पर जवाब देंगे.
बैठक के बाद अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि अब वे 4 दिन इंतजार करेंगे और उन्हें भरोसा है कि बेसिक शिक्षा मंत्री इस मामले में उचित फैसला लेंगे, जिससे उनकी मांगे पूरी होंगी
क्या है मामला?
उत्तर प्रदेश में पिछले साल बेसिक शिक्षा विभाग ने 69000 शिक्षकों की भर्ती की थी. आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का आरोप है कि इसमें आरक्षण घोटाला हुआ है. अभ्यर्थियों का कहना है कि ओबीसी वर्ग को इस भर्ती में 27 फीसदी की जगह 4 फीसदी से भी कम आरक्षण मिला. ऐसा ही एससी वर्ग के साथ हुआ. भर्ती में जांच की मांग को लेकर ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थी लगातार विरोध कर रहे हैं.
5844 सीटों पर गड़बड़ी का आरोप
अभ्यर्थियों का कहना है कि 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती के मामले में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट सरकार को भेजी है. इस अंतरिम रिपोर्ट में कहा गया है कि 5844 सीटों का आरक्षण में अनिमित्ताएं हुई हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि OBC वर्ग को 21% आरक्षण नही मिला और उन्हें अपने कोटे की 18598 सीट में से केवल 2637 सीट ही दी गई हैं. हालांकि, सरकार ने अब तक इस रिपोर्ट पर कोई जवाब नहीं दिया है.
डिप्टी सीएम के घर के बाहर भी किया था प्रदर्शन
अभ्यर्थियों की मांग है कि इस भर्ती में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को लागू किया जाए. साथ ही जिन अभ्यर्थियों ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में शिकायत दर्ज कराई है, उन सभी को इस भर्ती में शामिल किया जाए, साथ ही उन अभ्यर्थियों को भी शामिल किया जाए, जो इस मामले में हाई कोर्ट पहुंचे हैं.
इससे पहले अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के घर के बाहर प्रदर्शन किया था. हालांकि, इस दौरान उन्हें आश्वासन मिला था कि उनकी बात सुनी जाएगी. हालांकि, अभ्यर्थियों का कहना है कि उनकी बात नहीं सुनी गई. इसलिए वे बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे.