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नकल माफियाओं की उड़ी नींद! पहली बार यूपी बोर्ड में STF की रिपोर्ट पर डिबार होंगे दागी स्कूल

UP board: इस बार 2023 की यूपी बोर्ड परीक्षा में नकल रोकने की खास व्यवस्था की गई है. इस साल एसटीएफ की रिपोर्ट पर दागी स्कूल डिबार किए जाएंगे. इस व्यवस्था ने नकल माफियाओ की नींद उड़ा दी है.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

यूपी बोर्ड परीक्षाओं को इस साल पूरी तरह नकल विहीन कराने के लिए एसटीएफ की रिपोर्ट को आधार बनाया जाएगा. उनकी रिपोर्ट पर दागी स्कूल डिबार कर दिए जाएंगे. अभी तक यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में परीक्षा केंद्रों में गड़बड़ी पाए जाने पर यूपी बोर्ड कार्रवाई कर उनको डिबार करता रहा है लेकिन अब यूपी बोर्ड की 2023 में होने वाली परीक्षा में एसटीएफ की नजर रहेगी. 

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एसटीएफ की सूची में प्रयागराज के 31 स्कूल शामिल है जिसमें नैनी करेली और झलवा के कई स्कूल हैं जिसको परीक्षा समिति की बैठक के बाद डिबार स्कूलों की लिस्ट में शामिल कर उसे जारी कर दिया जाएगा. यह प्रक्रिया इसी महीने की जाएगी. 14 दिसंबर तक ऑनलाइन आपत्तियां ली जाएंगी. इस बार 2023 में होने वाली हाईस्कूल की परीक्षा में 13 लाख से ज्यादा और इंटरमीडिएट के लिए 27 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी पंजीकृत किए गए हैं. 

गौरतलब है कि एसटीएफ ने 2017 से अब तक नकल माफियाओं की गिरफ्तारी के बाद उनके मोबाइल के डाटा विश्लेषण से ऐसे 82 परीक्षा केंद्रों की सूची तैयार की है. ये वो सेंटर हैं जहां राजस्व लेखपाल या अन्य प्रतियोगी परीक्षा में गड़बड़ी मिली थी. एसटीएफ की सूची में 60 से ज्यादा यूपी बोर्ड के स्कूल हैं. यूपी बोर्ड में एसटीएफ की रिपोर्ट के बाद नकल माफियाओं की नींद उड़ी हुई है. 

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यही नहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने साल 2023 में होने वाली यूपी बोर्ड 10वीं (हाईस्कूल) और 12वीं (इंटरमीडिएट) परीक्षा के लिए कमर कस ली है. बोर्ड परीक्षा में नकल रोकने के लिए कई बड़े कदम उठाए जा रहे हैं. यूपी बोर्ड 10वीं-12वीं की नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए पहली बार कॉपियों में बारकोड लगाने जा रहा है.

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (UPMSP) के सचिव दिव्य कांत शुक्ल ने कॉपियों में बारकोड लगाने की जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि नकल माफिया से बचने के लिए यूपी बोर्ड इस बार कई सुरक्षा इंतजाम कर रहा है जिसमें कॉपियों में बारकोड और परीक्षा के बाद रैंडम चेकिंग शामिल है. बोर्ड साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा कॉपियों में पहली बार बारकोड का प्रयोग करेगा. इस दौरान परीक्षा केंद्रों का निर्धारण जिलों में शुरू हो गया है.

 

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