उत्तर प्रदेश में यूनिवर्सिटी एग्जाम को लेकर गाइडलाइन जारी हुई है. इसके अनुसार स्नातक प्रथम/तृतीय या स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं जहां हो चुकीं है वहां स्नातक द्वितीय/चतुर्थ सेमेस्टर तथा स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर के अंक, प्रथम/तृतीय सेमेस्टर के अंकों के आधार पर और मिड-टर्म/अन्तरिम मूल्यांकन के आधार पर निर्धारित किए जा सकते हैं.
विषम एवं सम सेमेस्टर की परीक्षाएं जहां सम्पन्न नहीं हुई हैं वहां, मिड टर्म/अन्तरिक मूल्यांकन के आधार पर विषम एवं सम सेमेस्टर के परिणाम तथा अंक मूल्यांकन से निर्धारित किए जा सकते हैं. लेकिन स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं कराई जाएंगी. ऐसे विश्वविद्यालय जहां स्नातक पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष की परीक्षाएं सम्पन्न नहीं हुई हैं, उनके छात्रों को द्वितीय वर्ष में प्रोन्नत कर दिया जाएगा. इसके अलावा वर्ष 2022 में होने वाली उनकी द्वितीय वर्ष की परीक्षा के अंकों के आधार पर अंतर्वेशन से उनके प्रथम वर्ष का परिणाम तथा अंक निर्धारित किए जा सकते हैं.
ऐसे विश्वविद्यालय जहां वर्ष 2020 में प्रथम वर्ष की परीक्षाएं हुई थीं, वहां प्रथम वर्ष के अंकों के आधार पर द्वितीय वर्ष के परिणाम और अंक निर्धारित किए जा सकते हैं और तदनुसार छात्रों को तृतीय वर्ष में प्रोन्नत किया जाएगा. इसके अलावा ऐसे विश्वविद्यालय जहां वर्ष 2020 में प्रथम वर्ष की परीक्षाएं नहीं हुई थीं, उनके द्वारा द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं कराई जाएंगी. उन्हें परीक्षा परिणाम के अनुसार तृतीय वर्ष में प्रवेश दिया जाएगा. स्नातक तृतीय/अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को सम्पन्न कराया जाएगा. स्नातकोत्तर पूर्वार्द्ध के छात्रों को उत्तरार्द्ध में प्रोन्नत किया जाएगा. स्नातकोत्तर फाइनल की परीक्षाएं कराई जाएंगी.
उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण वैश्विक स्तर पर जन जीवन व्यापक रूप से प्रभावित हुआ है, जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री की ओर से उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण फैल रही महामारी को आपदा घोषित किया गया है. कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत छात्रहित में उच्च शिक्षण संस्थानों में सत्र के दौरान ऑनलाइन पठन-पाठन की निरन्तर व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए यूपी उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी के माध्यम से गुणवत्तायुक्त ऑनलाइन 76,000 से भी अधिक ई-कन्टेन्ट छात्रों को उपलब्ध कराए गए.