बेटियों का सक्षम बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. यूपी सरकार 'रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण' योजना के तहत 2 लाख से ज्यादा छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाएगी. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत स्कूल चलो अभियान की शुरुआत के साथ सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग के मॉड्यूल का भी विमोचन किया है.
45 हजार से ज्यादा स्कूलों में होगी सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग
वीरांगना लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के मॉड्यूल के तहत 45 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली 11 से 14 साल तक की लाखों छात्राओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाएगी. बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों और कस्तूरबा विद्यालय की छात्राओं की प्रशिक्षण दिया जाएगा.
सेल्फ डिफेंस के साथ जागरूक बनाने का भी मकसद
सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग का विस्तृत मॉड्यूल तैयार किया गया है जिसमें आत्मरक्षा के गुर के साथ-साथ इसके महत्व के बारे में बताया जाएगा. इसके अलावा ईव टीजिंग, साइबर बुलिंग, एसिड अटैक जैसी चीजों के बारे में जागरूक किया जाएगा. इस ट्रेनिंग के दौरान लड़कियों को खेलकूद के जरिए स्वास्थ्य के प्रति भी अवेयर किया जाएगा.
टीचर्स को भी मिलेगी ट्रेनिंग
स्कूलों में तैनात फिजिकल टीचर और इंस्ट्रक्टर्स रोजाना एक घंटा का सेशन लेंगे. इस मॉड्यूल के तहत 50-50 के बैच में 1200 फिजिकल टीचर्स को एक सप्ताह तक स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी. ट्रेनिंग के बाद टीचर्स को सर्टिफिकेट भी मिलेगा. मॉड्यूल के अनुसार 50 छात्राओं को ट्रेनिंग के लिए एक ट्रेनर और एक असिस्टेंट को नियुक्त किया जाएगा.
एक्सपर्ट्स की मदद से तैयार होगा ट्रेनिंग मॉड्यूल
इस ट्रेनिंग मॉड्यूल को तैयार करने के लिए अलग अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों की मदद ली गई है. इसमें सेल्फ डिफेंस के एक्स्पर्ट, आत्मरक्षा प्रशिक्षक, विधिक परामर्शदाता, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के साथ ही यूपी पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारी भी शामिल रहे हैं.साथ ही यूपीडेस्को, यूनीसेफ एवं टेनोसिस एजेंसी के विशेषज्ञों की सलाह भी ली गयी है. इस मॉड्यूल के तहत बालिकाओं के साथ छेड़खानी और हिंसा की घटनाओं के विपरीत आत्मविश्वास बढ़ाने की उम्मीद जतायी गई है. जिससे जिलों और दूर दराज के इलाकों में भी छात्राओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग मिल सके. मॉड्यूल का उद्देश्य छात्राओं को आत्मरक्षा में सक्षम बनाना है. साथ ही बालिकाओं के प्रति अपराधों से संबंधित कानून के बारे में भी उनको बताया जाएगा. महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के बारे काम करने वाली सरकार की हेल्पलाइन और संचालित होने वाली योजनाओं की जानकारी भी उनको दी जाएगी.