UP Police Passing Out Parade: आज 12 जुलाई को उत्तर प्रदेश पुलिस की ताकत में इजाफा हो गया है. मंगलवार को लखनऊ समेत 76 जगहों पर हुई पुलिस की पासिंग आउट परेड के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस को 15,000 से अधिक नए जवान और सिपाही मिले हैं. बता दें कि 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद मंगलवार को उत्तर प्रदेश पुलिस को 15,487 नए पुलिस कांस्टेबल मिल गए. प्रदेश के 15 रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर समेत 76 जगहों पर 6 महीने की ट्रेनिंग पूरी करने वाले सिपाहियो की पासिंग आउट परेड हुई. लखनऊ में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ आरटीसी के 399 पुलिस कांस्टेबल की पासिंग आउट परेड की सलामी ली.
आइए नजर डालते हैं उत्तर प्रदेश पुलिस के ट्रेनिंग व्यवस्था पर
उत्तर प्रदेश पुलिस के पास सिपाही और सब इंस्पेक्टर की ट्रेनिंग के लिए 11 ट्रेनिंग स्कूल कॉलेज और 65 रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर है. इन ट्रेनिंग सेंटर में मुरादाबाद, सुल्तानपुर, जालौन, मेरठ, सीतापुर, चुनार और उन्नाव के पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के साथ-साथ 65 जिलों की पुलिस लाइन में रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर शामिल हैं. इन ट्रेनिंग सेंटर पर 20,000 रिक्रूट को ट्रेंड करने की व्यवस्था है. यानी एक बार में 20,000 जवान, सिपाही और सब इंस्पेक्टर की ट्रेनिंग ले सकते हैं.
इस 6 माह की ट्रेनिंग के दौरान जवानों को परंपरागत कानून की पढ़ाई व पुलिसिंग के तरीकों के साथ-साथ साइबर क्राइम, फॉरेंसिक साइंस, सोशल मीडिया हैंडलिंग की भी पढ़ाई करवाई गई. ट्रेनिंग के प्रति और बदलते सिलेबस को देखते हुए 2019 में ट्रेनिंग सिलेबस को अपडेट किया गया था जिसमें आपदा प्रबंधन, भीड़ नियंत्रण के साथ-साथ संवाद कला को भी शामिल किया गया. इस संबंध में एडीजी ट्रेनिंग संजय एम तरडे का कहना है हम बदलते परिवेश के साथ ट्रेनिंग के सिलेबस को अपडेट कर रहे हैं.
इससे पहले साल 2019 में हुई लगभग 26 हजार सिपाहियों की ट्रेनिंग के लिए केंद्रीय सुरक्षा बल के ट्रेनिंग सेंटर की मदद ली गई थी. लगभग 10,000 सिपाहियों को BSF और CRPF के ट्रेनिंग सेंटर पर 6 महीने की आउटडोर ट्रेनिंग दी गई थी. इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्रीय सुरक्षा बलों को भुगतान भी किया था लेकिन अब अफसरों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में ट्रेनिंग के लिए बैच नहीं आ रहे. लिहाजा अब हमें केंद्रीय सुरक्षा बल की ट्रेनिंग सेंटर की जरूरत नहीं पड़ती. कांस्टेबल के इस 15,487 बैच के बाद अगली ट्रेनिंग 9524 सब इंस्पेक्टर की होगी, जो 3 महीने में कागजी खानापूर्ति करने के बाद शुरू होगी.
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल कि सरकार में यह पहला मौका है जब मुख्यमंत्री पुलिस के सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुए. सरकार ने हाल ही में 100 दिन पूरे किए हैं और इस 100 दिन के लक्ष्य में कानून व्यवस्था एक बड़ी उपलब्धि रही है.