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यूपी में 'पुलिस' का रुतबा पाने के लिए बिहार के युवक ने क‍िया बड़ा फर्जीवाड़ा! ऐसे खुली पोल

रविवार को हुई परीक्षा में पकड़े गए आरोपी ने बताया कि उसके रिकॉर्ड के अनुसार यूपी पुलिस में भर्ती होने के लिए मैं ओवर ऐज हो गया था. इसलिए मैंने जब यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पुलिस का डंका बजते देखा तो इसमें भर्ती होने के लिए मैंने दोबारा फर्जी तिथि के आधार पर मधेपुरा से ही 2021 में दोबारा हाईस्कूल-इंटरमीडिएट किया.

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UP Police Bharti 2024 Exam
UP Police Bharti 2024 Exam

UP Police Exam: उत्तर प्रदेश पुलिस कॉन्सटेबल भर्ती के जरिए नौकरी पाने के लिए उम्मीदवार हर हद पार करने को तैयार हैं. बिहार के एक शख्स ने यूपी पुलिस भर्ती के लिए दोबारा इंटर और हाई स्कूल की मार्कशीट हासिल की है. वे इन मार्कशीट को लेकर कानपुर के परीक्षा केंद्र में एग्जाम देने भी पहुंचा था लेकिन पुलिस द्वारा इस युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है.

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यूपी पुलिस भर्ती के लिए 12 साल बाद दोबारा की पढ़ाई 

कानपुर में रविवार को चल रही पुलिस भर्ती परीक्षा में बिहार के एक युवक को गिरफ्तार किया गया, जिसने यूपी पुलिस का सिपाही बनने के लिए 12 साल बाद दोबारा हाई स्कूल और 14 साल बाद दोबारा इंटर करके मार्कशीट हासिल की. अपने दोबारा हाई स्कूल इंटर की मार्कशीट लेकर यह कानपुर में परीक्षा केंद्र में परीक्षा तो दे रहा था, लेकिन इस समय केंद्र के टीचरों को शक हो गया और उसकी जांच की गई. जांच में सारी पोल खुल गई और फिर उसने खुद स्वीकार कर लिया कि यूपी पुलिस में भर्ती होने के लिए उसने दोबारा हाई स्कूल और इंटर किया है.

यूपी पुलिस भर्ती के लिए बिहार के शख्स ने बनाया फर्जी आधार कार्ड

बिहार के मधेपुरा के रहने वाले आलोक राज नाम के युवक का संडे को कानपुर के रामलीला इंटर कॉलेज में पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर था. पेपर जब चलने लगा इस दौरान स्कूल के चेकिंग दस्ते को शक हुआ कि युवक की जितनी उम्र उसके फॉर्म में दिख रही है, उससे कहीं ज्यादा है. शक होने पर टीचरों ने जब उसके आधार कार्ड हाई स्कूल और इंटर के मार्कशीट चेक की तो उसमें पता चला कि आधार कार्ड में उसकी उम्र जन्म तिथि 18 मई 2002 लिखी है और उसने मधेपुरा के ही स्कूल से 2021 में हाईस्कूल किया है और 2023 में इंटर किया है. इसके बाद ही उसने उत्तर प्रदेश पुलिस की भर्ती परीक्षा में फॉर्म भरा था, लेकिन इस हिसाब से उसकी उम्र 21 साल थी, लेकिन आलोक राज देखने में काफी एजेड लग रहा था.

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इस पर जब कॉलेज की टीम ने आलोक राज को कमरे में लाकर पूछताछ शुरू की तो ज्यादा देर रुक नहीं सका. रोते हुए कहने लगा कि सर मुझे यूपी पुलिस का सिपाही बनने की बहुत इच्छा थी. लेकिन मैं ओवर ऐज हो गया था. मेरा असली नाम प्रमोद कुमार है. मैं बिहार के मधेपुरा का रहने वाला हूं. मेरी असली जन्म तिथि 15 अगस्त 1994 है. मैं 2009 में हाई स्कूल 2012 में इंटर किया था. जांच में यह भी पता चला कि उम्र कम दिखाने के लिए आलोक ने फर्जी आधार कार्ड बनवाया था.

उम्र में बड़ा दिख रहा था शख्स

आलोक राज ने आगे कहा कि इस रिकॉर्ड के अनुसार यूपी पुलिस में भर्ती होने के लिए मैं ओवर ऐज हो गया था. इसलिए मैंने जब यूपी में योगी जी की पुलिस का डंका बजाते देखा तो इसमें भर्ती होने के लिए मैंने दोबारा फर्जी तिथि के आधार पर मधेपुरा से ही 2021 में दोबारा हाई स्कूल किया. उसके बाद 2023 में दोबारा इंटर किया. इस बार जब पुलिस की भर्ती निकली तो मैंने इसी रिकार्ड के अनुसार फॉर्म भरा लेकिन पुलिस में भर्ती होने से पहले ही पकड़ लिया गया. मैंने सोचा था सिर्फ 10 साल का अंतर है, कोई पकड़ नहीं पाएगा. लेकिन मेरा यूपी पुलिस में सिपाही बनने का सपना अधूरा ही रह गया. एडीसीपी ब्रजेन्द्र द्विवेदी का कहना है राम लला इंटर कॉलेज के टीचरों द्वारा बिहार के प्रमोद कुमार को पकड़ा गया था जो फर्जी आधार कार्ड बनाकर पुलिस की भर्ती परीक्षा दे रहा था उसको  गिरफ्तार कर लिया गया है.

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