UPPSC Aspirants Prayagraj Protest: यूपीपीएससी पीसीएस और RO/ARO भर्ती परीक्षा को लेकर चार दिन से चल पहले प्रदर्शन के बाद छात्रों की जीत हुई है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दखल के बाद दोनों परीक्षाओं को लेकर अभ्यर्थियों की मांगें मान ली हैं. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने पीसीएस की परीक्षा को पुराने पैटर्न पर कराने के साथ आरओ/एआरओ परीक्षा को स्थगित कर दिया है.
आयोग सचिव ने जानकारी दी है पीसीएस परीक्षा वन डे वन शिफ्ट में होगी. हालांकि अभी यह जानकारी नहीं दी गई है कि परीक्षा निर्धारित तारीख पर ही होगा या अलग से कोई नई तारीख जारी की जाएगी. धरने प्रदर्शन को लेकर छात्र ने कहा कि आयोग की ओर से एक बार आधिकारिक नोटिस जारी होने के बाद धरना प्रदर्शन खत्म कर दिया जाएगा.
अराजकता फैलाने वालों पर कार्रवाई
प्रयागराज में यूपीपीएससी अभ्यर्थियों के प्रदर्शन पर पुलिस ने कड़ा रुख अपनाते हुए बड़ा बयान दिया है. प्रयागराज के डीसीपी सिटी ज़ोन अभिषेक भारती ने बताया कि धरने में कुछ असामाजिक और अपराधी तत्व शामिल हो रहे हैं, जो छात्रों को भड़काने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों की उपस्थिति से अराजकता फैलने की आशंका है, इसलिए ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है. डीसीपी ने कहा कि धरने का आयोजन केवल निर्धारित स्थल पर ही होना चाहिए, ताकि शांति बनी रहे. पुलिस ने बैरिकेटिंग कर प्रदर्शनकारियों को रोका है, ताकि अराजक स्थिति पैदा न हो. साथ ही उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे संवैधानिक और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करें.
धरना स्थल पर भारत माता की जय के नारों की गूंज
प्रदर्शन में छात्रों की ओर से लगे ‘भारत माता की जय’ के नारों ने धरना स्थल का माहौल और गर्मा गया है. प्रशासन की सख्ती के बीच छात्र डटे हुए हैं और बैरिकेटिंग के बावजूद वापस हटने को तैयार नहीं हैं. धरना स्थल पर पहुंचने के प्रयास में छात्रों को रोकने के कारण उनकी नाराज़गी और बढ़ गई है. इस बीच, कुछ प्रदर्शनकारियों ने कोचिंग के होर्डिंग बोर्ड पर चढ़कर उसे फाड़ने की कोशिश की, जिसके बाद 10 नामजद छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस और प्रशासन ने छात्रों को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का आग्रह किया है, लेकिन छात्र अपनी मांगो से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.
एक शिफ्ट में एग्जाम कराने की मांग पर अड़े हैं छात्र
दरअसल, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस प्रीलिम्स 2024 और आरओ/एआरओ प्रीलिम्स 2023 परीक्षाओं को दो दिनों में, दो शिफ्ट में आयोजित करने का निर्णय लिया है. इस निर्णय का अभ्यर्थी पहले से विरोध कर रहे हैं. प्रतियोगी छात्र यूपी पीसीएस 2024 और आरओ एआरओ 2023 की प्रारंभिक परीक्षाओं को पहले की तरह एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में कराए जाने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि 2 दिन परीक्षा कराए जाने पर होने वाले नॉर्मलाइजेशन से उनका नुकसान होगा.
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बीजेपी अध्यक्ष ने कही ये बात
छात्रों के इस प्रदर्शन को लेकर रूलिंग और विपक्षी पार्टी के नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई हैं. यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने प्रयागराज UPPSC छात्र प्रदर्शन पर कहा कि, ' सारे प्रतियोगी छात्र तो हमारे बच्चे हैं. राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा न बनें. ऐसे लोग है समाज में जो बच्चों को उकसा रहे हैं, बच्चों को यूज कर रहे है राजनीतिक एजेंडे के लिए. बीजेपी संवेदनशील पार्टी है., बच्चे धैर्य रखें." इसके अलावा सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि, ' बीजेपी सरकार जब से आई है लगातार छात्रों का शोषण बढ़ा है. छात्रों की बात नहीं सुनती है सरकार. सिर्फ लाठी मारती है छात्रों को ये सरकार. इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं है'.
अखिलेश यादव ने छात्रों के प्रोटेस्ट को लेकर रूलिंग पार्टी पर साधा निशाना
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा, 'युवा विरोधी भाजपा का छात्राओं और छात्रों पर लाठीचार्ज बेहद निंदनीय कृत्य है. इलाहाबाद में UPPSC में धांधली को रोकने के लिए अभ्यर्थियों ने जो जब मांग बुलंद की तो भ्रष्ट भाजपा सरकार हिंसक हो उठी. हम फिर दोहराते हैं : नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं. हम युवाओं के साथ हैं.' बता दें कि छात्र PCS और RO/ARO परीक्षा को एक ही दिन कराने की मांग कर रहे हैं. अखिलेश ने आगे लिखा, 'अब हर हाथ में तिरंगा लहराएगा!, भाजपा का ज़ुल्म सहा न जाएगा."
उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए आदेश
प्रयागराज में यूपीपीएससी छात्रों के प्रदर्शन को लेकर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सरकार छात्रों की मांगों को गंभीरता से ले रही है और हर संभव तरीके से उनके साथ खड़ी है. उन्होंने बताया कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे छात्रों की समस्याओं का उचित समाधान निकालें ताकि उनकी ऊर्जा पढ़ाई में लगे, न कि आंदोलनों में.
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क्या है पूरा मामला
बता दें कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे थे. 11 नवंबर से हजारों की संख्या में छात्र यूपी पीएससी के खिलाफ सड़कों पर थे. छात्रों का कहना है कि बीते दो साल से आयोग परीक्षा करा पाने में विफल रहा है. इसी साल की शुरुआत यानी जनवरी 2024 में आयोग ने उत्तर प्रदेश सिविल सर्विसेज का नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसकी परीक्षा मार्च माह में लंबित थी, जिसको फिर अक्टूबर माह के लिए टाल दिया गया.इसके बाद आयोग की एक और परीक्षा समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी 11 फरवरी को आयोजित की गई थी परन्तु पेपर लीक होने के वजह से इसको निरस्त कर दिया गया था. इन दोनों परीक्षाओं को अक्टूबर माह में आयोजित करने के लिए प्रस्तावित किया गया था. फिर अचानक आरओ एआरओ को दिसंबर माह में कराने की घोषणा की जाती है. इसके साथ ही छात्रों दो शिफ्ट में पेपर करने के लिए कहा गया, जिससे छात्रों में आक्रोश है. हालांकि, अब सरकार ने फैसला लिया है कि परीक्षा एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में आयोजित कराई जाएगी.