scorecardresearch
 

UPPSC RO ARO Paper Leak: डीएम साहिबा पर भड़के नाराज छात्र, पेपर लीक को लेकर कही ये बात

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा आयोजित की गई सहायक समीक्षा अधिकारी और समीक्षा अधिकारी की परीक्षा का पेपर लीक होने का दावा किया जा रहा है. नाराज छात्रों से आजतक ने बातचीत की और उनके मन की बात जानी.

Advertisement
X
UPPSC RO ARO Paper Leaked
UPPSC RO ARO Paper Leaked

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा आयोजित की गई सहायक समीक्षा अधिकारी और समीक्षा अधिकारी की परीक्षा का पेपर लीक होने से परीक्षार्थी काफी हताश और निराश हैं. 11 फरवरी 2024 की सुबह जब परीक्षार्थी एग्जाम सेंटर से परीक्षा देकर बाहर निकले तब उन्हें पता चला कि पेपर लीक हो चुका है. पेपर लीक को लेकर छात्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं. इसी बीच आजतक ने समीक्षा अधिकारी का पेपर दे चुके अभ्यर्थियों ने बातचीत की.

Advertisement

अभ्यर्थियों ने कहा कि वह बहुत ही लगन और मेहनत से किसी भी परीक्षा की तैयारी करते हैं. कमरे में 12- 12 घंटे बंद होकर अपने उज्जवल भविष्य के लिए प्रिपरेशन करते हैं, लेकिन जब एग्जाम का पेपर लीक आउट हो जाता है तो बहुत ही हताश होना पड़ता है. क्योंकि कुछ शिक्षा माफिया की वजह से ऐसा होता है. वह अपने कैंडिडेट को अधिकारी बनाने के लिए उनसे मोटा पैसा वसूलते हैं और घूस देकर तैनाती कराते हैं. जिसके कारण हम जैसे मेहनती अभ्यर्थियों का हक मार दिया जाता है. ऐसे में हम चाहते हैं कि सरकार कड़े कानून बनाए ताकि शिक्षा माफियाओं की परीक्षाओं में ना चल सके.

घपलों से बचने के लिए उम्मीदवारों की सरकार को सलाह

परीक्षार्थियों ने यूपी तक को बताया कि बायोमैट्रिक अटेंडेंस यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन परिक्षा में अनिवार्य कर दें ताकि ऐसे घपलों से बचा जा सके अभी तक बायोमैट्रिक अटेंडेंस नहीं होती है जिससे कल को यह भी होगा कि हमारी जगह कोई और भी बैठकर एग्जाम देकर चला जाएगा। बायोमैट्रिक अटेंडेंस से यह हो जाता है कि सही परीक्षार्थी ने पेपर दिया है उसकी जगह कोई और पेपर नहीं दिया है ,आखिर सरकार कब जागेगी.

Advertisement

पेपर लीक मामले में कोचिंग संस्थानों का भी हाथ

शिक्षा माफिया और कई कोचिंग संस्था पेपर लीक आउट जैसे मामले में इंवॉल्व रहते हैं. परीक्षार्थियों ने कहा कि पेपर जब लीक हुआ तो डीएम साहिबा ने कहा कि गलती से पेपर अन रैप हो गया, यह किस तरीके के जिम्मेदाराना बयान देते हैं. क्या गलती से यह सब होता है उनकी एक गलती कह देने पर कितने अभ्यर्थियों का जीवन अंधकार हो जाएगा. जो सच मायने में समीक्षा अधिकारी के लायक होगा. वह नहीं बन पाएगा और जो पैसे देकर घूस देकर एंट्री करेंगे वह अधिकारी बन जाएंगे और फिर ऐसे लोग क्या विभाग चलाएंगे देश और प्रदेश की कैसे तरक्की करेंगे. इसलिए हमारी सरकार से मांगे की चार महीना के अंदर फिर से री एग्जाम करवाएं.

परीक्षार्थियों के इन सवालों का कौन देगा जवाब?

उम्मीदवारों ने कहा कि पिछले 5 सालों से हम लोग परीक्षाएं दे रहे हैं लेकिन बार-बार कुछ ना कुछ किसी न किसी परीक्षा में अड़चन आ जाती है. अब हम लोग 1 साल बाद ओवरएज हो जाएंगे तो फिर क्या करेंगे? नौकरी के लिए कहां जाएंगे? परीक्षार्थियों ने यूपी तक को यह भी बताया कि परीक्षा में जो ओएमआर शीट आती है उसमें जब हम लोग अपने-अपने उत्तर दे देते हैं, तो उसे 24 घंटे के अंदर पोर्टल पर अपलोड कर देना चाहिए ताकि उसमें किसी भी तरीके से कोई भी फर्जीवाड़ा ना हो सके. क्योंकि जब लंबा समय कॉपी चेक करने में लगता है तो उसी के बीच में खेल हो जाता है. ऐसे में हम चाहते हैं कि पारदर्शिता सरकार परीक्षाओं में जरूर करें जिससे हम छात्रों का भविष्य अंधकार में न जाए.

Advertisement

दोबारा एग्जाम कराने की मांग

परीक्षार्थियों ने यह भी कहा कि सरकार अगले 4 महीने में फिर से समीक्षा अधिकारी का एग्जाम कराए ताकि हम लोग फिर से एग्जाम देकर चयन हो सके. क्योंकि पेपर हम लोगों का अच्छा गया था. 130 प्लस हम लोगों ने प्रश्न सॉल्व किए थे. 126 कट आउट था, लेकिन पेपर लीक होने से हम लोग को एक धक्का लगा है. हम लोग बहुत हताश हो चुके हैं, जब भी ऐसा कुछ होता है तो आयोग कमेटी गठित कर देती है. कमेटी कब अपनी रिपोर्ट देगी ये कोई नहीं जानता है. ऐसे में हम लोग ओवर ऐज हो जाएंगे तो इससे क्या फायदा होगा. हम लोग बेरोजगार रह जायेगे. हम लोग कंपटीशन के अभ्यर्थी हैं. कंपटीशन के जरिए ही अपने सीट का हक के लेते हैं ना कि चीटर्स की तरह धोखेबाजी करके सीट हथियाते हैं.

Live TV

Advertisement
Advertisement