UPSC Success Story: UPSC देश की कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. इस एग्जाम को क्लियर करके सरकारी नौकरी पाने का सपना तो हर कोई देख लेता है, लेकिन मेहनत करके पढ़ाई करना हर किसी के बस की बात नहीं. दिन-रात एक करके घंटों पढ़ाई करके भी इस एग्जाम की तीन स्टेज को निकालना बेहद मुश्किल है. इसके लिए उम्मीदवार कोचिंग, ट्यूशन आदि सुविधाओं के साथ पढ़ाई करते हैं, लेकिन मंजिल तक पहुंचने के लिए मन में जज्बा और सहनशक्ति होना भी जरूरी है. इस वाक्य को साबित किया है मैनपुरी के सूरज ने.
सूरज बाकी बच्चों के साथ खेलते-कूदते पढ़ाई करते थे, लेकिन साल 2017 के एक हादसे ने उनके जीवन को पूरी तरह बदल दिया. 2017 में ट्रेन हादसे में सूरज ने अपने हाथ पैर खो दिए थे. चार महीने तक सूरज दर्द में तड़पते रहे, उनका इलाज चलता रहा. उनके साथ इतना बड़ा हादसा हुआ लेकिन कभी भी उन्होंने खुदको बाकियों से कम नहीं समझा.
ट्रेन हादसे के बाद हुई भाई की मौत
हाथ पैर खोने के बाद भी सूरज का हौसला टूटा नहीं और उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की. उनके अंदर जज्बा इतना था कि पहले ही अटेंप्ट में उन्होंने इस कठिन एग्जाम को क्लियर कर लिया. घर की माली हालत और खराब होने लगी और उसके कुछ समय बाद सूरज के एक भाई की भी मौत हो गई थी. इस घटना से पूरा परिवार दुखी था लेकिन सूरज ने हिम्मत नहीं हारी और अपने लक्ष्य पर एकाग्र होकर ये सफलता प्राप्त की.
आगे बढ़ने का नाम ही जिन्दगी है
कमाल की बात यह है कि यूपीएससी एग्जाम के लिए सूरज ने कहीं से कोई भी कोचिंग नहीं ली. घर पर सेल्फ स्टडी करके वह इस मंजिल तक पहुंचे हैं. काबिलेतारीफ यह कि पढ़ाई के लिए सूरज ने अपने साथ हुए इस भायनक हादसे को अपनाया और वह आगे बढ़े. इस दौरान उन्हें कितने मुश्किलों का सामना करना पड़ा होगा इसका हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते. सूरज की इस प्रेरणादायक कहानी को सुनकर लगता है कि किसी ने सही कहा है, आगे बढ़ने का नाम ही जिन्दगी है.