UP Teacher Recruitment Protest: उत्तर प्रदेश कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा को लेकर नाराज उम्मीदवारों का प्रदर्शन जारी है. इसी के साथ उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती मामले में भी विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. अभ्यर्थियों का कहना है कि छह साल बीत जाने के बाद भी अभी तक 6800 पदों पर अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिली है.
बीजेपी नेता आवास के बाहर अभ्यर्थियों का धरना
शिक्षक भर्ती मामले को लेकर अभ्यर्थी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी आज 6800 नियुक्तियों को पूरा करने की मांग को लेकर बीजेपी नेता स्वतंत्र देव के आवास के सामने धरना दे रहे हैं. राजधानी लखनऊ के इको गार्डन में यूपी पुलिस को लेकर आंदोलन चल रहा है तो वहीं शिक्षक भर्ती लेकर बीजेपी नेता के आवास के बाहर सैकड़ों उम्मीदवार हाथ में पोस्टर लिए अपनी बात मनवाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं.
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के बाद जिन 6800 अभ्यर्थियों की लिस्ट निकाली गई, वो भी दो वर्षों से नियुक्ति के लिए संघर्ष कर रहे हैं. 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने गुरुवार को डिप्टी सीएम केशव मौर्य के आवास का घेराव कर प्रदर्शन किया था. अभ्यर्थियों ने 'केशव चाचा मस्त हैं, पिछड़े दलित पस्त हैं' के नारों से अपना गुस्सा जाहिर किया.
सरकार की ओर से पैरवी में ढील से नाराज उम्मीदवार
टीचर रिक्रूटमेंट में नियुक्ति पत्र ना मिलने पर हाइकोर्ट में सरकार की तरफ से पैरवी में ढील देने पर छात्र नाराज हैं. अभ्यर्थियों का आरोप है कि हाइकोर्ट में चल रही सुनवाई में सरकारी अधिवक्ता ठीक ढंग से पैरवी न करके उनके भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं. अभ्यर्थियों के मुताबिक, 6800 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए जारी लिस्ट को आए हुए 2 साल होने को हैं, लेकिन अभी तक नियुक्ति नहीं मिली और जब इस मामले में हाइकोर्ट में सुनवाई चल रही है तो सुनवाई के दौरान सरकारी अधिवक्ता जानबूझकर लीपापोती वाली बहस करके हमारे भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार तीन तरफ से घिरी हुई है. शिक्षक भर्ती के नियुक्ति पत्र, यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल पेपर लीक मामला, समीक्षा अधिकारी पेपर लीक मामला अब तेजी पकड़ चुका है. भर्ती बोर्ड को जल्द ही इन सभी मामलों को सही तरह से सुलझना होगा.