UBSE 12th Board Exam 2021: उत्तराखंड बोर्ड 12वीं की परीक्षा को लेकर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे की अध्यक्षता में हुई बैठक में परीक्षा के नये पैटर्न पर मंथन किया गया. बैठक में परीक्षा बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आयोजित करने का विचार किया गया है. जानकारी के अनुसार, परीक्षाएं प्रतियोगी परीक्षाओं की तर्ज पर ही हो सकती हैं. माना जा रहा है कि इससे परीक्षा का समय भी कम होगा, और रिजल्ट भी जल्द घोषित किया जा सकेगा. हालांकि, अभी इस बारे में अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है.
इस मामले पर विभागीय मंत्री अरविंद पांडे ने बताया कि जल्द ही बैठक कर परीक्षा को लेकर कोई अंतिम निर्णय लिया जायेगा. सचिवालय में हुई बैठक में परंपरागत एवं MCU दोनों आधारों पर परीक्षा कराये जाने पर चर्चा की गई है. उत्तराखंड के शिक्षामंत्री अरविंद पांडे ने बताया कि वर्तमान में परीक्षा के लिए 1385 केंद्र बनाए गये हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराए जाने के लिए 500 परीक्षा केंद्र और बढ़ाने होंगे.
30 हजार शिक्षकों का वैक्सिनेशन बाकी -
अरविंद पांडे ने कहा कि परीक्षा से पहले सभी शिक्षकों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा सके इसके प्रयास किये जायेंगे ताकि हर हाल में सुरक्षित परीक्षा करवाई जा सके. उन्होंने कहा कि विभाग में तीस हजार शिक्षकों को अब तक वैक्सीन नहीं लगी है. वैक्सीनेशन और Covid से सुरक्षा को लेकर पूरे इंतजाम होने के बाद ही परीक्षा कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि इस मसले पर वह मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से बात करेंगे और जल्द ही निर्णय जारी करेंगे.
डेढ़ घंटे का हो सकता है पेपर -
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बात करते हुए कहा कि MCU के आधार पर परीक्षा कराई गई तो तीन के बजाय डेढ़ घंटे का पेपर होगा, इसके अलावा परीक्षा के मूल्यांकन में भी समय की बचत होगी. कंप्यूटराइज्ड रिजल्ट तैयार किया जाएगा, लेकिन इस पर भी विचार किया जा रहा है कि उच्च शिक्षा के लिए उत्तराखंड बोर्ड के छात्रों को कमतर न आंका जाए. उनका स्तर कमजोर न समझा जाय ताकि भविष्य में इसका कोई गलत प्रभाव न पड़े.
जून में घोषणा संभव -
मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि प्रदेश में कोरोना की स्थिति को देखते हुए एग्जाम डेट पर निर्णय लिया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य की राय लिए जाने के बाद ही परीक्षा कार्यक्रम घोषित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जून के अंतिम सप्ताह में परीक्षा हो सकती है. उत्तराखंड बोर्ड की 12वीं की परीक्षा के लिए सभी परीक्षा केंद्र होम सेंटर होंगे, इससे छात्र-छात्राओं को दूरदराज के क्षेत्रों के स्कूलों में परीक्षा के लिए नहीं जाना पड़ेगा और वे सभी अपने क्षेत्र के स्कूल में परीक्षा दे सकेंगे.
परीक्षा जून अंत में या फिर सितंबर में हों -
CBSE को जुलाई में परीक्षाएं न कराए जाने को लेकर भी सरकार के द्वारा सुझाव दिया गया है. बोर्ड को राज्य की ओर से बताया गया है कि जुलाई में बारिश की वजह से भूस्खलन का खतरा बना रहता है, नदियों का जल स्तर बढ़ने और भूस्खलन से बच्चों की जान माल को खतरा हो सकता है. इसके अलावा कोविड की स्थिति को देखते हुए जून में या उसके बाद सितंबर में परीक्षाएं कराई जा सकती हैं. इसका मतलब एकदम साफ है कि सरकार चाहती तो है कि परीक्षा हों पर किसी भी हाल में किसी भी जान की कीमत पर नहीं.