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Psychological Tricks: ओवरथिंकिंग से उड़ी रातों की नींद कहीं डुबा न दे आपका करियर! इन 5 तरीकों से मिलेगी मदद

आजकल कई ऐसे लोग हैं, जिन्हें रात में ओवरथिंकिंग की वजह से अच्छी नींद नहीं आती. रात में अच्छी नींद का असर आपके अगले दिन पर पड़ता है. इससे आपका फोकस बिगड़ता है और आप अपना काम सही ढंग से नहीं करते. काम पर फोकस न होना करियर को बर्बाद कर सकता है. आइए जानते हैं रात में अच्छी नींद कैसे ले सकते हैं.

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Overthinking at night might ruin your career (Representational Image)
Overthinking at night might ruin your career (Representational Image)

करियर में सफलता के लिए जरूरी है कि आप वर्क प्लेस पर अच्छे से फोकस रह कर काम करें. वर्क प्लेस पर बिना फोकस के काम करना करियर पर भारी पड़ सकता है. वहीं, आप काम पर फोकस कर सकें, इसके लिए जरूरी है कि आप अपनी नींद पूरी करें. अक्सर देखा जाता है कि किसी की नींद न पूरी होने से लोग सुस्ती से काम करते हैं. कई लोग काम पर फोकस भी नहीं कर पाते. ऐसा करने का असर करियर पर पड़ सकता है. 

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व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानी होती है. दिनभर काम के वक्त को लोग उस समस्या को लेकर अपने विचारों को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन जब वो रात के वक्त अपना सारा काम खत्म करके सोने की तैयारी में होते हैं तो अक्सर कई ऐसे विचार उन्हें परेशान करने लगते हैं, जिसके चलते वो रातभर सही से सो नहीं पाते. रात वो ओवरथिंकिंग में गुजारते हैं और इसके असर से स्वभाव में चिड़चिड़े हो जाते हैं. 

सोने से पहले हमारा दिमाग कभी किसी पास्ट के बारे में सोचने लगता है तो कभी फ्यूचर की टेंशन नींद उड़ा देती है. अगर आप भी ओवरथिंकिंग की वजह से सो नहीं पा रहे हैं तो आज हम आपको कुछ आसान तरीके बता रहे हैं, जो आपकी ओवरथिंकिंग पर ब्रेक लगाते हुए आपको अच्छी नींद लेने में मददगार साबित हो सकते हैं.

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अपने विचारों को लिखें: द माइंड जर्नल के एक आर्टिकल के मुताबिक, अगर ओवरथिंकिंग की वजह से आपको नींद नहीं आ रही है तो रात में सोने से पहले अपने सभी विचारों को अपनी डायरी में लिखने की आदत डाल लें. इससे आप अपने दिमाग में चल रहे तमाम विचारों पर ब्रेक लगा सकते हैं और चैन की नींद ले सकते हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि रोजाना डायरी लिखना आपकी मेंटल हेल्थ को बहुत बेहतर कर सकता है. इसलिए सोने से पहले 15-20 मिनट अपने नोटपैड और विचारों को दें. 

सोने से पहले जरूर करें मेडिटेट: कई स्टडीज़ में ये पाया गया है कि मेडिटेट करने से आपका दिमाग शांत होता है. 2015 में की गई एक स्टडी के मुताबिक, मेडिटेट से आपकी नींद बहुत बेहतर होती है. स्टडी में पाया गया है कि मेडिटेशन करने से वृद्ध लोगों में नींद की समस्या को दूर किया जा सकता है. इसलिए सोने से पहले मेडिटेट जरूर करें. 

फोन-टैब जैसी चीजों को रखें दूर: आज फोन हमारी जिंदगी का एक ऐसा हिस्सा बन गया है जो सुबह से रात तक हमारे पास ही रहता है. लोग सोने से पहले अक्सर फोन की स्क्रीन स्कॉल कर रहे होते हैं. अगर आपको एक अच्छी नींद चाहिए तो सोने से पहले फोन और टैब जैसी चीजों को खुद से दूर रखें. कई शोधकर्ताओं का मानना है कि सोने से पहले फोन या किसी ऐसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल जिससे रोशनी निकल रही हो, अक्सर नींद की समस्या को बढ़ाता है. इसलिए सोने से 1 घंटे पहले फोन, लैपटॉप, टैब जैसी चीजों को खुद से दूर करें. 

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खुद पर सोने के लिए दबाव न बनाएं: नींद आना एक नेचुरल प्रक्रिया है. इसलिए खुद को सोने के लिए फोर्स न करें. एक्सपर्ट्स का मानना है कि जितना आप खुद को सोने के लिए फोर्स करते हैं, उतना ही आपका दिमाग बेचैन होता है और आपकी नींद को खराब कर सकता है. खुद को सोने के लिए फोर्स करने की बजाए आप कोई ऐसा म्यूजिक सुन सकते हैं जो आपके दिमाग को शांत करे. 

अपने दिमाग को डिस्ट्रैक्ट करें: अगर न चाहते हुए भी आपके विचार आपको परेशान कर रहे हैं तो आपको खुद के दिमाग को डिस्ट्रैक्ट करने की कोशिश करनी चाहिए. माइंड को डिस्ट्रैक्ट करने के लिए आपको जानबूझ कर पॉजिटिव चीजें सोचनी चाहिए. अगर हो सके तो आप डे-ड्रीमिंग भी कर सकते हैं. हालांकि, आपको किसी गंभीर चीजों को लेकर दिमाग को डिस्ट्रैक्ट नहीं करना है.

 

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