अगर आप जीवन में खुश रहना चाहते हैं तो आत्म-सम्मान होना बेहद जरूरी है. आत्म-सम्मान का अर्थ है खुद को सम्मान देना. हमें अक्सर इस बात से फर्क पड़ता है कि दूसरे हमारा मूल्य समझते हैं या नहीं, दूसरे हमें सम्मान देते हैं या नहीं, लेकिन इन सबसे जरूरी ये है कि आप खुद अपने बारे में क्या सोचते हैं. बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो खुद का सम्मान नहीं करते.
किसी भी व्यक्ति में आत्म सम्मान होना जरूरी है क्योंकि ये आपके काम करने के तरीके पर असर डालता है. आप जीवन में खुश रहते हैं या नहीं, ये भी काफी हद तक आत्म सम्मान पर निर्भर करता है. आत्म-सम्मान का सिर्फ ये अर्थ नहीं है कि आप खुद को पसंद करें, बल्कि आत्म-सम्मान का अर्थ है ये समझना कि आप भी जीवन में अच्छी चीजें पाने के लायक हैं. गिरता आत्म-सम्मान आपके सोचने के तरीके से लेकर आपके बर्ताव तक पर असर डालता है. इसलिए आत्म सम्मान होना जरूरी है. आज हम आपको ऐसे कुछ लक्षण बता रहे हैं जो गिरते आत्म-सम्मान को दर्शाते हैं. अगर आपमें इनमें से कोई लक्षण है तो आपको खुद पर काम करने की जरूरत है.
कॉन्फिडेंस की कमी होना: किसी के सामने बात करने में, अपने विचार प्रकट करने में आपको परेशानी होती है या आप कॉन्फिडेंट फील नहीं करते हैं तो हो सकता है आपमें आत्म-सम्मान की कमी हो. कम आत्म-सम्मान का ये लक्षण है कि आप खुद पर ही किसी कार्य को करने के लिए भरोसा नहीं जता पाते हैं. आपको अक्सर ऐसा लगता है कि आप ये काम नहीं कर पाएंगे.
काम को जरूरत से ज्यादा महत्व देना: ये सुनने में अजीब लग सकता है लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कम आत्म-सम्मान से जूझ रहे लोग अक्सर अपनी सारी एनर्जी और फोकस काम पर लगा देते हैं. वर्क प्लेस पर वो जरूरत से ज्यादा खुद को काम से घिरा रखते हैं. जिन लोगों में आत्म-सम्मान की कमी होती है, उन्हें लगातार फेल होने का डर सताता रहता है. इसी डर को सच में नहीं बदलने के लिए ऐसे लोग खुद को काम में घिरा रखते हैं. वो कोई भी ऐसा मौका नहीं देते जिससे उनके काम पर सवाल उठे. फेल होना के डर से वो हर वक्त खुद को बेहतर साबित करने में लगे रहते हैं.
लोगों के बीच भी बार-बार फोन देखना: एक्सपर्ट्स का मानना है कि जिन लोगों में आत्म-सम्मान की कमी होती है, वो अक्सर अंजान लोगों के बीच बैठकर बार-बार फोन देखते रहते हैं ताकि वो सामाजिक रूप से जुड़ा हुआ महसूस कर पाएं.
छोटे-छोटे निर्णय लेने में होती है परेशानी: आप बार-बार अपने फैसलों में बदलाव करते हैं. ऐसा नहीं है कि बड़े-बड़े निर्णय में ही आप बार-बार अपना फैसला बदलें, बल्कि छोटी-छोटी स्थितियों में भी आप निर्णय नहीं ले पाते. एक पल में आप दोस्तों के साथ बाहर जाने का प्लान करते हैं तो दूसरे ही पल आप ऐसा करने से मना कर देते हैं.
रचनात्मक आलोचना का भी बुरा मान जाते हैं: कम आत्म-सम्मान वाले ज्यादातर लोगों में ये लक्षण देखने को मिलता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि जिन लोगों में आत्म-सम्मान की कमी होती है वो रचनात्मक आलोचना सुनकर भावनात्मक तरीके से रिएक्ट करते हैं. अगर कोई बेहतरी के लिए आपकी कमी बता रहा है तो आप उसपर भी नाराज हो जाते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि कम आत्म-सम्मान वाले लोगों में बाधाओं या चुनौतियों का सामना करने पर तुरंत हार मान लेने की प्रवृत्ति होती है.
लोगों को खुश करने के लिए लेते हैं फैसले: जिन लोगों में आत्म-सम्मान की कमी होती है वो अक्सर अपने फैसले दूसरों को खुश करने के लिए करते हैं. अगर ऐसे लोगों की किसी से बहस भी हो रही होती है तो वो अपने विचार इसलिए प्रकट नहीं करते क्योंकि उन्हें लगता है वो दूसरों को नाराज कर सकते हैं. लोगों से प्रशंसा पाने के लिए.. वो आपके बारे में अच्छा सोचें.. इन कोशिशों में ऐसे लोग दूसरों को खुश करने के लिए काम करते हैं.