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Psychological Tricks: इन 5 आदतों से बढ़ती है नफरत, बुरे लगने लगते हैं लोग, ऐसे करें पहचान

ऐसा क्या होता है जब हम सबसे नफरत करने लगते हैं और सबके अंदर बुराइयां ढूंढने लगते हैं. दूसरों के प्रति इस घृणा को समझाना और समझना इतना सरल नहीं है. 'द माइंड जर्नल' में छपे लेख के मुताबिक, नफरत बढ़ने के कारण और आदतों पर गौर करेंगे.

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Photo-Freepik
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जिंदगी में कभी-कभी वो दौर भी आता है जब हमें हर कोई बुरा लगने लगता है. हम सबसे नफरत करने लगते हैं. अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ होगा तो आप इस फीलिंग को बखूबी समझ पाएंगे. इसके अलावा कुछ लोगों का स्वभाव ऐसा भी होता है जो घृषा की भावना रखते हैं, लेकिन ऐसा क्या होता है जब इंसान सबसे नफरत करने लगता है और सबके अंदर बुराइयां ढूंढने लगता है. 'द माइंड जर्नल' में छपे लेख के मुताबिक, नफरत बढ़ने के कारण और आदतों पर गौर करेंगे.

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स्ट्रैस: हम सभी तनावग्रस्त हैं, लेकिन हम में से कुछ लोग दूसरों की तुलना में ज्यादा स्ट्रैस में हो सकते हैं या फिर उनके लिए तनाव से निपटना आसान नहीं होता. दरअसल, तनाव के कारण क्रोध जैसे मजबूत नकारात्मक विचार एवं भावनाएं उत्पन्न होती हैं जो आक्रोश, कड़वाहट और घृणा की भावना पैदा करता है. वहीं, पुराना तनाव हमें चिड़चिड़ा, चिंतित और अभिभूत कर सकता है जो दूसरों के प्रति कम सहिष्णु बना सकता है. इन सभी भावनाओं की वजह से बार-बार गुस्सा फूटना, संघर्ष और तर्क-वितर्क हो सकते हैं, जिससे आपको ऐसा महसूस होता है कि आप दूसरों से घृणा करते हैं.

सोशल फोबिया: कुछ लोग सिर्फ दूसरे लोगों से डरते हैं और वे अपने डर को गुस्से और नफरत से ढक लेते हैं. सोशल फोबिया या सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर सामाजिक संपर्क और स्थितियों के एक गहन भय की ओर इशारा करता है. सोशल फ़ोबिया वाला कोई व्यक्ति किसी दूसरे से बात करने में गंभीर रूप से नर्वस, अभिभूत, चिंतित और व्यथित महसूस कर सकता है. इसलिए अगर आप अपने आप से पूछ रहे हैं कि "मैं हर किसी से नफरत क्यों करता हूं?", तो यह सिर्फ आपकी चिंता का कारण हो सकता है, जो दूसरों के साथ बातचीत करने के लिए मजबूर होने पर आपको महसूस होता है.

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आत्मसम्मान में कमी: आत्मसम्मान में कमी आपको हर जगह दूसरे से कम महसूस करवाती है. आपको हमेशा दूसरों के सामने और अपने आप को साबित करने के लिए लड़ने की जरूरत होती है. कम आत्मसम्मान आपको चिड़चिड़ा, कमजोर, आवेगी, क्रोधित और आक्रामक महसूस कराता है. जब आप लगातार डरते हैं कि आपके आस-पास के लोगों को आपकी असुरक्षा के बारे में पता चल जाएगा, तो आप उनसे नफरत करने लगते हैं ताकि कोई भी आपके द्वारा बनाई गई झूठी सामाजिक छवि या प्रतिष्ठा को चुनौती न दे सके.

इन्ट्रोवर्ट होना: जब एक इन्ट्रोवर्ट इंसान को अपने घेरे के बाहर के लोगों के साथ मिलने को कहा जाता है, तो वह क्रोधित महसूस कर सकता है, जिससे दूसरों के प्रति घृणा की भावना पैदा होती है. लेकिन इन्ट्रोवर्ट लोग किसी वजह से दूसरों से नफरत नहीं करते. इन्ट्रोवर्ट लोगों से बचते हैं क्योंकि लोगों से मिलना-जुलना उनके लिए शारीरिक और भावनात्मक रूप से थकाऊ हो सकता है. यही कारण है कि वे गुस्सा महसूस करते हैं और कई बार उन लोगों से घृणा करते हैं जो उन्हें सोशल होने के लिए मजबूर करते हैं.

वैचारिक मतभेद: जब आपको लगता है कि दूसरों के अलग-अलग सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक या राजनीतिक मूल्य और विश्वास हैं, तो आप उनके प्रति घृणा का पात्र बन सकते हैं. आप यह मानने लगते हैं कि वे आपके विश्वास को चुनौती दे रहे हैं. इससे आपको गुस्सा और चिढ़न हो सकती है. हालांकि, अगर आप एक कदम पीछे हटते हैं और नए या भिन्न विचारों से डरने के बजाय उनके दृष्टिकोण को समझने की कोशिश करते हैं, तो आप घृणा को सहानुभूति और समझ से बदल सकते हैं.

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डिप्रेशन: जब आप अपने और अपने जीवन के बारे में कुछ भी पसंद नहीं करते तो किसी और को पसंद करना मुश्किल होता है. डिप्रेशन में कुछ यही स्वभाव हो जाता है. भावनाओं का दमन डिप्रेशन के सामान्य लक्षण हैं. जिसके परिणामस्वरूप घृणा और क्रोध पैदा होता है. इन्हीं में से दो या इससे ज्यादा वजह किसी से नफरत की वजह हो सकती हैं.

 

 

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