4 अप्रैल, 1979 को ठीक 2:04 बजे, जल्लाद ने लीवर दबाया और भुट्टो को फांसी दे दी गई. फांसी के आधे घंटे बाद और जेल के डॉक्टर ने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के बाद, भुट्टो साहिब के लटकते हुए शरीर को 2:35 बजे नीचे उतारा. उनके शव को स्नान कराया गया, जिसकी व्यवस्था पहले ही मौके पर की जा चुकी थी.