हैरी घर से खाली हाथ निकले थे, इसलिए कई रातें उन्होंने सड़कों पर गुजारीं. उन्होंने कहा कि सड़कों पर रहने के दौरान उनके पास खाने तक के लिए पैसे नहीं थे. मैं कई रातों को भूखा ही सोया. अपना पेट पालने के लिए जूस की दुकान पर नौकरी करने लगा, लेकिन यहां भी मेरे ट्रांसजेंडर होने की वजह से मुझसे भेदभाव होता था. इसके बाद मैंने सोशल जस्टिस डिपार्टमेंट से संपर्क किया, जहां मुझे पढ़ाई के लिए अच्छी एविएशन एकेडमी को ज्वाइन करने की सलाह दी गई.
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