नौकरी से पैसा तो आ रहा था, लेकिन नौकरी के डेली रूटीन से नीरसपन आ गया था. अनु को लगता था कि सारी जिंदगी एक्सल फाइल, प्रेजेंटेशन और बैक एंड वर्क करते ही गुजर जाएगी. अनु ये समझ चुकी थीं कि नौकरी से फाइनेंशियली जरूरतें पूरी हो रही हैं लेकिन वह आंतरिक रूप से संतुष्ट नहीं हैं. जिसके बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा देने का मन बनाया, जो आसान नहीं था.