जालंधर, पंजाब के गांव दोसांझ कलां में जन्मे सुपरहिट स्टार सिंगर दिलजीत दोसांझ अब बॉलीवुड में भी पहचान बना चुके हैं. दिलजीत के पिता पंजाब रोडवेज के रिटायर कर्मचारी हैं और मां हाउसवाइफ हैं, बावजूद इसके आज दिलजीत पंजाब के जाने माने चेहरों में से एक बन चुके हैं.
दिलजीत ने आठवीं क्लास से पगड़ी बांधना शुरू किया था क्योंकि उस समय स्कूल में उन छात्रों को पगड़ी बांधना जरुरी था, जिनके नाम के पीछे सिंह लगता था. उन्होंने दसवीं क्लास से आगे पढ़ाई नहीं की क्योंकि उनके पिता पंजाब रोडवेज में कार्यरत थे और वेतन 5000 रुपये था. ऐसे में दिलजीत ने घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए पढ़ाई छोड़कर अपने बचपन के शौक और हुनर को कमाई का साधन बनाया.
अब दिलजीत के पास एक प्राइवेट जेट भी है, जिसकी फोटो उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की थी. उनकी शादी को लेकर ये अफवाह आई थी कि उन्होंने एक कैनेडियन लड़की से शादी की है और उनका एक बेटा भी है.
एक्टर या सिंगर के अलावा दिलजीत समाजसेवी भी हैं. 2013 में अपने जन्मदिन के मौके पर उन्होंने असहाय बच्चों और बुजुर्गों 'सांझ फाउंडेशन' की शुरुआत की. वो हमेशा ही अपनी हर खुशी को फैंस के साथ शेयर करते हैं.
सोशल मीडिया पर वाइरल हो रही तस्वीरों में दिलजीत बिना पगड़ी के नजर आ रहे हैं और उनके बाल भी छोटे दिखाई दे रहें हैं.
खबरों की मानें तो करीब दो साल पहले दिलजीत ने बाल छोटे करवाए थे, जिसे वो दुनिया से छुपाते रहे. वो जब भी घर से बाहर निकलते थे, तो पगडी में निकलते थे. ये भी कहा जा रहा है कि अब वे इस लुक में इसलिए हैं जिससे बॉलीवुड में हर तरह के किरदार निभा सकें.
हालांकि कुछ समय पहले एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, 'पगड़ी मेरी शान है, पहचान है. सिर पर पगड़ी हमेशा बांधूंगा फिर चाहे काम मिले या ना मिले'. बहुत कम लोगों को पता है कि पहले दिलजीत का नाम दलजीत था, 2004 में एक म्यूजिक अलबम रिलीज करने से पहले उनसे नाम बदलने की बात कही गई और दलजीत, दिलजीत बन गए.
एक इंटरव्यू के दौरान दिलजीत ने कहा था कि उन्हें हनी सिंह से डर लगता है. हनी सिंह एक ऐसा आर्टिस्ट है जो कभी भी कुछ भी कर सकता है. अगर वो 2-3साल काम ना भी करें, तो भी वो आपको सरप्राईज दे सकता है.
बहुत कम लोगों को पता है कि संगीत जगत में कदम रखने से पहले दिलजीत गुरूद्वारा साहिबों एवं अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में कीर्तन गाया करते थे. दोसांझ गांव दलजीत को दिलजीत बनाने के पीछे फाइनटोन म्यूजिक कंपनी के मालिक राजेंद्र सिंह का हाथ है, जिन्होंने दिलजीत को पंजाबी संगीत जगत में 2003 में प्रवेश करवाया. दिलजीत ने अपने नाम के पीछे दोसांझ शब्द बहुत बाद में लगाया, जो उनके गांव का नाम है.