इंदिरा गांधी:
पूर्व पीएम ऑक्सफोर्ड के समरविले कॉलेज में पढ़ने जरूर गईं थीं लेकिन उन्होंने डिग्री पूरी नहीं की थी. फिर भी वे खुद को ऑक्सफोर्ड की पूर्व छात्रा बताती हैं.
सोनिया गांधी: साल 2000 की शुरुआत में सुब्रह्मण्यम स्वामी के चुनौती देने पर सोनिया ने स्वीकार किया कि उनके पास कैंब्रिज की डिग्री नहीं, डिप्लोमा है.
स्मृति ईरानी:
चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामों में केंद्रीय एचआरडी मंत्री ने अलग-अलग तारीख और कोर्स बताए. येल यूनिवर्सिटी से डिग्री का दावा गलत पाया गया.
वरुण गांधी:
भाजपा नेता वरुण गांधी का दावा था कि उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से अपनी पढ़ाई पूरी की है. हकीकत निकलकर आई कि उन्होंने अपनी पढ़ाई डिस्टेंस लर्निंग के जरिए पूरी की थी.
राहुल गांधी:
उन्होंने दावा किया कि 1995 में ऑक्सफोर्ड से डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स में एमफिल किया है. बाद में साल और कोर्स दोनों गायब हो गए.
नरेंद्र मोदी:
राजनीति विज्ञान में पीएम की एमए की डिग्री को लेकर आरटीआई में जो जवाब दिए गए हैं, वे स्पष्ट नहीं हैं.
ममता बनर्जी:
उन्होंने दावा किया था कि उनके पास ईस्ट जॉर्जिया यूनिवर्सिटी से डॉक्टर की डिग्री है. मजेदार बात यह है कि ऐसी कोई यूनिवर्सिटी नहीं है.
मीसा भारती:
लालू यादव की बेटी मीसा भारती ने दावा किया था कि उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक सेमिनार में बतौर स्पीकर भाषण दिया था. यूनिवर्सिटी ने इस दावे को खारिज किया.
गोपीनाथ मुंडे:
दिवंगत सांसद ने 1976 में न्यू पुणे कॉलेज से स्नातक किया था. पेंच बस इतना था कि इस कॉलेज की स्थापना 1978 में हुई थी.
सुरेंद्र सिंह:
आप के विधायक उस वक्त कानूनी पचड़े में फंस गए जब उन्होंने खुद को सिक्किम की एक यूनिवर्सिटी का ग्रेजुएट बताया था जो कि गलत है.
जितेंद्र सिंह तोमर:
दिल्ली में आप के कानून मंत्री रहते हुए
गिरफ्तार हुए क्योंकि बिहार की एक यूनिवर्सिटी ने उनकी फर्जी डिग्री को
लेकर अदालत में याचिका दायर की थी.