यूपीएससी की परीक्षा पास करना मतलब लोहे के चने चबाने जैसा है, आज हम ऐसी ही लड़की की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने UPSC की परीक्षा में 8वीं रैंक हासिल की थी. जो उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं वह वैशाली सिंह के अनुभवों से काफी कुछ सीख सकते हैं.
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वैशाली फरीदाबाद की रहने वाली हैं और स्कूलिंग यहीं से हुई थी. बचपन से ही वह लॉ में अपना करियर बनाना चाहती थी. स्कूली पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली से ग्रेजुएशन किया. यहां से उन्होंने पांच साल का इंटीग्रेटेड लॉ का कोर्स किया था.
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वह शुरू से ही पढ़ाई में होशियार रही है. सब कुछ वैसा ही चल रहा था जैसा वह हमेशा चाहती थी, लेकिन जिंदगी अक्सर वो नहीं होता जो आप अपने लिए सोचकर रखते हैं, कुछ ऐसी चीजें भी हैं जो जिंदगी आपके लिए सोचती है. ऐसा ही कुछ वैशाली के साथ हुआ.
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पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने नौकरी की. बचपन का उनका सपना मानो पूरा ही हो गया था, लेकिन कुछ समय बाद उन्हें महसूस हुआ कि वह नौकरी से संतुष्ट नहीं है. ऐसे में उन्होंने नौकरी छोड़कर और बचपन के सपने को भूलकर यूपीएससी की तैयारी करने का मन बनाया. ये उनके लिए एक चुनौतीभरा कदम था.
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वैशाली ने यूपीएससी की पहली परीक्षा साल 2017 में लिखी थी. इस परीक्षा की तैयारी उन्होंने 3 महीने पहले ही शुरू की थी. वह जानती थी कि उनकी तैयारी अधूरी है, इसलिए परीक्षा को क्लियर नहीं कर सकी थी. लेकिन दूसरे प्रयास में वैशाली ने 8वीं रैंक हासिल की.
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क्या था परीक्षा पास करने का मंत्र
वैशाली एक लॉ स्टूडेंट है, इसलिए वह ये बात बखूबी जानती थी कि एक कठिन परीक्षा को कैसे पास किया जा सकता है. तैयारी के दौरान उन्होंने परीक्षा के अन्य पहलुओं को महत्व दिया था.
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एक इंटरव्यू में वैशाली ने बताया, 'परीक्षा की तैयारी के दौरान छात्रों को याद करने वाली नंबर 1 चीजें हैं - निबंध (essays). छात्र अक्सर इस सीरिसली नहीं लेते हैं लेकिन ये वास्तव में अंकों को बढ़ाते हैं.
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जो छात्र यूपीएससी की परीक्षा देने वाले हैं या देने का मन बना रहे हैं उन्हें टिप्स देते हुए वैशाली ने कहा, उम्मीदवार अपनी ताकत के बजाय अपनी कमजोरियों पर ध्यान दें और उन पर काबू पाने की कोशिश करें.