भारत में क्रिकेट सबसे लोकप्रिय खेल है और कई बच्चे और खिलाड़ी क्रिकेटर बनने का सपना देखते हैं. हालांकि गलत मार्गदर्शन की वजह से वो अपना सपना पूरा नहीं कर पाते हैं. ऐसे में आपके लिए यह जानना जरूरी है कि आखिर प्रोफेशनल क्रिकेट जगत में किस तरह एंट्री ली जाती है और नेशनल टीम में सेलेक्शन कैसे होता है. जानते हैं क्रिकेट में करियर बनाने से जुड़े हर सवाल का जवाब...
क्रिकेट में करियर बनाने के लिए दो विकल्प होते हैं. पहली पसंद स्कूल से शुरू होती है जहां से कोई भी क्रिकेट की दुनिया में प्रवेश कर सकता है. स्कूल क्रिकेट मैच इंटर कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर खेले जाने वाले मैच और टूर्नामेंट में हिस्सा लेता है.
वहीं व्यावसायिक क्रिकेट की दुनिया में प्रवेश करने के लिए एक और बहुत लोकप्रिय विकल्प है, जिसमें कड़े परिश्रम की आवश्यकता होती है और क्रिकेट की दुनिया में इस एवेन्यू को ‘ओपन क्रिकेट’ कहा जाता है, जो उन क्रिकेट मैचों की तुलना में कठिन होता है, जो स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर खेले जाते हैं.
ओपन क्रिकेट मैच विभिन्न क्रिकेट संघों की ओर से करवाए जाते हैं, जिनका स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर के मैचों से कोई संबंध नहीं होता है.
देश के हर जिले में एक जिला संघ होता है और ये सभी जिला संघ एक राज्य संघ बनाते हैं. इन संघ की चयन समिति टीमें बनाती हैं और जिला व राज्य स्तर पर खेलने का अवसर मिलता है. उसके बाद ही इन टीमों से नेशनल टीम के लिए सेलेक्शन किया जाता है.
कैसे होता है नेशनल टीम में सेलेक्शन?
भारत में रणजी ट्रॉफी को राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के सेलेक्शन के लिए पासपोर्ट माना जाता है. यह सबसे महत्वपूर्ण चरण भी है जो देश की क्रिकेट टीम में एक संभावित खिलाड़ी के प्रवेश की सुविधा देता है. रणजी ट्रॉफी भारत की प्रथम श्रेणी की घरेलू क्रिकेट चैम्पियनशिप है. रणजी ट्रॉफी को लोकप्रिय रूप से रणजी भी कहा जाता है. इसे पहले 'भारत की क्रिकेट चैम्पियनशिप' के नाम से जाना जाता था.
रणजी ट्रॉफी में देश के विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाली टीमें शामिल होती हैं. इसलिए रणजी ट्रॉफी टीम में हर राज्य का अपना प्रतिनिधित्व होता है. कुछ राज्य एक से अधिक राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं. विभिन्न क्रिकेट संघों और क्रिकेट क्लब के खिलाडियों को भी प्रतिष्ठित रणजी ट्रॉफी के लिए खेलने का अवसर मिलता है.
कैसे होता है रणजी में चयन?
रणजी ट्रॉफी में सेलेक्शन के लिए कई प्रक्रियाओं से गुजरना होता है. इसके लिए स्कूल स्तर से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दें और उसके बाद जिला-राज्य स्तर पर होने वाले टूर्नामेंट में हिस्सा लें. उसके बाद कई लेवल पर शिविर होते हैं, जिसमें रिटायर्ड अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाडियों के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग भी मिलती है और यह रणजी में सेलेक्शन का आधार बनते हैं.
वहीं अब स्वतंत्र स्तर पर कई लीग, टूर्नामेंट होते हैं, जिसके लिए कोशिश करके भी क्रिकेटर अपने आगे का रास्ता साफ कर सकते हैं. साथ ही नेशनल टीम में सेलेक्शन होने का सपना पूरा किया जा सकता है.