आम आदमी पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल अन्ना आंदोलन के बाद सबसे ज्यादा चर्चा में आए. सिविल सर्विस छोड़कर आंदोलन में कूदे अरविंद केजरीवाल ने एक अलग राजनीतिक जमीन तैयार की और दिल्ली के मुख्यमंत्री बन गए. आइए जानते हैं- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की स्कूल और कॉलेज कैंपस लाइफ से जुड़ी वो बातें जो उन्हें खास बनाती हैं.
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त, 1968 को जन्माष्टमी के दिन हुआ था. उनके दादा-दादी ने उन्हें कृष्णा नाम से बुलाने का फैसला लिया था. आज दुनिया उन्हें अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में जानती है.
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एक कट्टर राजनीतिक क्रांति के वास्तुकार अरविंद केजरीवाल ने राजनीति में
धर्म, जाति, वर्ग या कैडर से अलग एक लकीर खींचने की शुरुआत की. जिसे आज नये राजनीतिक माहौल में अलग जगह भी मिल रही है. केजरीवाल की स्कूल और कॉलेज लाइफ भी कुछ इसी तरह खास रही है.
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अरविंद केजरीवाल की स्कूल कैंपस की लाइफ के बारे में बात करें तो वो कक्षा में चुपचाप बैठकर सीखने वाले स्टूडेंट के तौर पर जाने जाते थे. उनकी छवि बचपन में भी एक साफ़-सुथरा चेहरा और मोटे बालों में कंघी किए हुए लड़के की थी.
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उन्हें क्रिकेट और फुटबॉल से ज्यादा शतरंज और किताबें पसंद थी. वो एक पेंसिल और स्केचबुक हमेशा अपने साथ रखते थे. जब वो 11 साल के थे, तब भी वो अपने कमरे में पेड़, घर, जानवर, आदि जो भी देखते थे, उसे अपने कमरे में उकेर देते थे.
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गर्मियों की छुट्टियों में वो अपने कजिन्स के साथ बारा मोहल्ले में अपने नाना के घर जाते थे, लेकिन तब वो उनमें लीडर के बजाय मीरा बैंड के सदस्यों में से एक थे. उनके चचेरे भाई वर्तमान में दिल्ली के पश्चिम विहार में एक चार्टर्ड एकाउंटेंट कुसुम गोयल ने इंडिया टुडे को बताया कि अरविंद न तो शांत थे और न ही अति सक्रिय थे. हम सभी शरारती थे.
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कैंपस लाइफ की बात करें तो उनके दोस्त एक घटना का जिक्र करते हैं जब केजरीवाल को एक डिबेट में अपने स्कूल का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया था. लेकिन प्रतियोगिता से एक रात पहले उन्हें तेज बुखार हो गया. किसी को उम्मीद नहीं थी कि अगले दिन वो अपने पिता के स्कूटर पर कंबल में लिपटे हुए आयोजन स्थल पर पहुंच जाएंगे.
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अपने टीचरों में केजरीवाल को 'मिसेज चोपड़ा' सबसे अच्छी तरह से याद हैं जिन्होंने कैंपस स्कूल में उन्हें बायोलॉजी पढ़ाई थी. वो कभी-कभी क्लास के बाद उनके साथ बैठकर अपनी भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करते थे.
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केजरीवाल को थियेटर में बहुत अधिक रुचि थी. आईआईटी, खड़गपुर में अपने अंतिम वर्ष में वो हिंदी ड्रामा सोसायटी के गवर्नर बनाए गए थे. उनके दोस्त मानते हैं कि उनके सार्वजनिक भाषणों में वो आत्मविश्वास थियेटर से ही आया है.
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बता दें कि केजरीवाल ने हरियाणा के हिसार में स्थित कैंपस स्कूल और इसके बाद सोनीपत में स्थित क्रिस्चियन मिशनरी स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की. इसके बाद स्नातक के लिये इन्होंने आईआईटी खड़गपुर में दाखिला लिया. यहां से इन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की.
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यहां से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने के बाद इन्होंने सन
1989 में टाटा स्टील से अपना करियर शुरू किया. पहली पोस्टिंग जमशेदपुर की
गई थी. तीन साल यहां काम करने के बाद सन 1992 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया और सिविल सर्विस की तैयारी करने लगे.
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इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) क्लीयर करके आईआरएस अधिकारी की जिम्मेदारी संभाली. फिर अफसर के तौर पर भारत सरकार के अधीन काम करने लगे. यहीं से इन्होंने राजनीति की जमीनी पहलुओं ठीक से समझा.