यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) की परीक्षा मुश्किल परीक्षा में से एक होती है. वहीं इस परीक्षा की कुछ ऐसी बातें भी हैं, जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं. सिविल सेवा परीक्षा 2018 में रैंक 38 हासिल करने वाले लक्ष्य सिंघल इस परीक्षा के चौथे हिस्से के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका जिक्र कम ही किया जाता है.
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लक्ष्य ने एक इंटरव्यू में बताया- यूपीएससी परीक्षा में तीन स्टेज होती है. प्री, मेंस और इंटरव्यू. लेकिन मेडिकल फिटनेस टेस्ट का जिक्र कम ही लोग करते हैं. हालांकि ये सबसे जरूरी हिस्सा है. आप इसे यूपीएससी परीक्षा का चौथा हिस्सा भी कह सकते हैं.
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कब होता है मेडिकल फिनटेस टेस्ट
आमतौर पर मेडिकल फिनटेस टेस्ट इंटरव्यू के अगले दिन ही आयोजित किया जाता है.
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बता दें, मेडिकल फिनटेस टेस्ट के बारे में उम्मीदवारों को पहले से ही जानकारी दे दी जाती है. जहां पर जाकर उन्हें अपना मेडिकल टेस्ट कराना होता है.
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मेडिकल टेस्ट में ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, चेस्ट टेस्ट, आई टेस्ट, बीपी टेस्ट समेत कई प्रकार के टेस्ट कराए जाते हैं.
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लक्ष्य ने बताया हमारी सर्विसेज दो पार्ट में बंटी हुई है. जो इस प्रकार है.
1. टेक्निकल सर्विसेज
2 नॉन टेक्निकल.
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टेक्निकल सर्विसेज
ये क्राइटेरिया है वह थोड़ा सख्त है. बता दें, IPS, IRTS, RPF टेक्निकल सर्विसेज में आती है. इसके IAS, IFS, IRS समेत अन्य सर्विसेज नॉन टेक्निकल सर्विसेज में आती है.
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टेक्निकल सर्विसेज में हाइट, चेस्ट और आंखों की चेकिंग पर खास ध्यान दिया जाता है. यदि उम्मीदवारो की हाइट क्राइटेरिया के अनुसार नहीं है तो टेक्निकल सर्विसेज के लिए अनफीट घोषित कर दिया जाता है.
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नॉन- टेक्निकल
इसमें वजन पर खास ध्यान दिया जाता है. अगर किसी उम्मीदवार का वजन जयादा है तो उसे कुछ दिनों के लिए अनफीट घोषित कर दिया जाता है.
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मेडिकिल होने के 10 से 15 दिनों के भीतर ये रिपोर्ट आ जाती है. इसी के साथ यदि किसी उम्मीदवार को लगता है कि मेडिकल रिपोर्ट सही नहीं आई है तो वह इसके लिए वह अपील भी कर सकते हैं.