वहीं वेंकैया महात्मा गांधी से काफी प्रेरित थे. ऐसे में उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज के लिए उन्हीं से सलाह लेना बेहतर समझा. गांधी जी ने उन्हें इस ध्वज के बीच में अशोक चक्र रखने की सलाह दी जो संपूर्ण भारत को एक सूत्र में बांधने का संकेत बनेगा.
आपको बता दें, पिंगली वेंकैया लाल और हरे रंग की पृष्ठभूमि पर अशोक चक्र बना कर लाए पर गांधी जी को यह ध्वज ऐसा नहीं लगा कि जो संपूर्ण भारत का प्रतिनिधित्व कर सकता है. वहीं दूसरी ओ राष्ट्रीय ध्वज में रंग को लेकर तरह-तरह के वाद-विवाद चलते रहे थे.