UPSC प्री लिम्स की परीक्षा चार अक्टूबर काे होगी. तैयारी के लिए अभी तीन महीने बाकी हैं. यूपीएससी की तैयारी के लिए अभ्यर्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ जरूरी है कि वो आईपीएस विनय तिवारी जैसे सफल अभ्यर्थियों की स्ट्रेटजी भी जानें. यूपीएससी परीक्षा में सफलता पा चुके उत्तर प्रदेश के रहने वाले विनय तिवारी जो बचपन में कभी पढ़ाई से दूर भागते थे. लेकिन उन पर किताबों ने ऐसा जादू किया कि उन्हें पढ़ाई का शौक लग गया. पिता के कर्ज और अपने फर्ज को साथ लेकर वो यूपीएससी के दूसरे अटेंप्ट में ही IPS अफसर बन गए. जानिए किस स्ट्रेटजी से की तैयारी जिसने दिलाई विनय को सफलता.
विनय तिवारी का बचपन उत्तर प्रदेश के ललितपुर में बीता. उनके पिता ने किसानी करके उनकी पढ़ाई कराई. वो बारहवीं करके कोटा में इंजीनियरिंग की कोचिंग करने लगे. इसके बाद बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी IIT से ग्रेजुएशन किया.
ग्रेजुएशन के दौरान उन्होंने यूपीएससी क्लीयर करने का मन बनाया. वो अपने पिता का सपना पूरा करना चाहते थे. इसलिए तैयारी करने दिल्ली चले आए. दिल्ली में रहकर ही UPSC की परीक्षा दी. लेकिन पहले प्रयास में असफल हो गए.
गणित और विज्ञान विषयों में अच्छी पकड़ रखने वाले विनय तिवारी ने यूपीएससी की तैयारी के लिए अलग विषय चुने. सोशल मीडिया में सक्रिय विनय तिवारी ने अपनी प्रारंभिक तैयारी के बारे में भी लिखा है. आगे पढ़ें-
विनय तिवारी ने अपनी पढ़ाई को शौक बनने के बारे में फेसबुक पर लिखा कि पढ़ने का शौक नहीं था, पढ़ाई शुरू तो मजबूरी में की थी. आर्थिक सुरक्षा की गारंटी पढ़ाई में दिखी थी. लगता था जैसे निश्चिंत हो जाऊंगा, पर मन की शांति सिर्फ अर्थ से नहीं आती अपितु अर्थ से तो नहीं ही आएगी यह निश्चित है. मजबूरी भी शौक को जन्म देती है.
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IAS निशान्त जैन की मोटिवेशनल किताब 'रुक जाना नहीं' में लिखे IPS विनय
तिवारी के जीवन से जुड़ी कहानी में उन्होंने बताया है कि कैसे विनय
तिवारी ने अपने पिता के सपने को सच कर दिखाया. उन्होंने जब IIT बीएचयू से
इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की तो नौकरी करना चाहते थे लेकिन पिता ने
उन्हें प्रेरित किया.वो लिखते हैं कि जब आपकी पढ़ाई के लिए कर्ज़ लिया गया हो तो फिर आप टूट कर मेहनत करते हैं. संघर्ष कभी मेरा नहीं था. वह हमेशा पापा का था. ऋण उन्होंने लिया था, सामाजिक प्रतिष्ठा उनकी थी.
विनय तिवारी ने लिखा कि आईआईटी बीएचयू से एक अच्छी नौकरी मिली थी. पापा से पूछा कि कहीं जाकर तैयारी करना कठिन होता है. पैसे तो लगते ही है बहुत ज्यादा और सुना था कि यूपीएससी बहुत कठिन परीक्षा है. नौकरी के साथ साथ प्रयास कर लूंगा. पापा ने कहा कि देखो त्याग करोगे तो अच्छा पाओगे. सपना देखा है तो उसको पूरा करने का प्रयास पूरे मन से करो.
विनय तिवारी ने लिखा कि पहले प्रयास में जब मेरा चयन नहीं हुआ तो भी पिता से ही बल मिला. पिता ने कहा कि बड़ी परीक्षा में पहले प्रयास से नहीं होता है. अब दोबारा उन्होंने गणित विषय को छोड़ने का निर्णय लिया. अब दोबारा में समाज शास्त्र, भूगोल और इतिहास विषय से पढ़ना शुरू किया तो दूसरे प्रयास में ही सफलता मिल गई.
अपने दूसरे प्रयास से यूपीएससी परीक्षा में सफल हुए विनय तिवारी वर्तमान में बिहार की राजधानी पटना में तैनात हैं. उन्होंने अपने किसान पिता के काबिल बेटे होने का फर्ज निभाया है. विनय तिवारी आज भी आईपीएस की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को अपने ब्लॉग के जरिये टिप्स देते हैं. यहां दिए इस
लिंक पर क्लिक करके आप भी उनके ब्लॉग से तैयारी के टिप्स ले सकते हैं.