scorecardresearch
 
Advertisement
एजुकेशन

DU से PhD कर चुके हैं जस्टिस मुरलीधर, बिना फीस के लड़े कई केस

DU से PhD कर चुके हैं जस्टिस मुरलीधर, बिना फीस के लड़े कई केस
  • 1/7
जस्टिस एस. मुरलीधर का तबादला चर्चा का विषय बन गया है. उनका तबादला दिल्ली हाईकोर्ट से पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में कर दिया गया है. बता दें, उन्होंने  दिल्ली में हुई हिंसा की सुनवाई को लेकर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी. जज के तबादले पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा- 'आधी रात को जज के तबादला से हैरानी हुई है. सरकार न्याय का मुंह बंद करना चाहती है'.

DU से PhD कर चुके हैं जस्टिस मुरलीधर, बिना फीस के लड़े कई केस
  • 2/7
कहां से की पढ़ाई

जस्टिस एस. मुरलीधर का जन्म 8 अगस्त 1961 को हुआ था. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से 2003 में पीएचडी की डिग्री ली है.
DU से PhD कर चुके हैं जस्टिस मुरलीधर, बिना फीस के लड़े कई केस
  • 3/7
वकालत में अपने करियर की शुरुआत 1984 में की थी. उन्होंने 1987 में में सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में वकालत शुरू कर दी थी.
Advertisement
DU से PhD कर चुके हैं जस्टिस मुरलीधर, बिना फीस के लड़े कई केस
  • 4/7
दिल्ली हाईकोर्ट में  साल 2006 में उन्हें जज का पद सौंपा गया था. एस. मुरलीधर दो बार सुप्रीम कोर्ट की लीगल सर्विस कमेटी के सक्रिय सदस्य रह चुके हैं.
DU से PhD कर चुके हैं जस्टिस मुरलीधर, बिना फीस के लड़े कई केस
  • 5/7
इन केस की वजह से आए थे चर्चा में

जस्टिस एस. मुरलीधर 1984 में हुए सिख दंगों में शामिल रहे सज्जन कुमार के मामले में फैसला सुनाने वालों में से एक थे. उन्होंने बिना फीस के कई केस लड़े हैं.

बता दें, इनमें भोपाल गैस त्रासदी और नर्मदा बांध पीड़ितों के केस भी शामिल हैं. जस्टिस एस. मुरलीधर की गिनती कड़े फैसले देने वाले जज के तौर पर होती है. बतौर जज उनका कार्यकाल 2023 में पूरा होगा.
DU से PhD कर चुके हैं जस्टिस मुरलीधर, बिना फीस के लड़े कई केस
  • 6/7
वह साम्प्रदायिक हिंसा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को लेकर सख्त टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने उत्तर प्रदेश के हाशिमपुरा नरसंहार में दोषी पीएसी जवानों को सजा सुनाई थी. (सांकेतिक तस्वीर)
DU से PhD कर चुके हैं जस्टिस मुरलीधर, बिना फीस के लड़े कई केस
  • 7/7
इसी के साथ उन्होंने  प्राइवेट स्कूलों को फीस बढ़ाने के लिए जस्टिस मुरलीधर की बेंच ने फैसला सुनाया था. ये वो प्राइवेट स्कूल थे जो सरकारी जमीन पर बने थे. (सांकेतिक तस्वीर)
Advertisement
Advertisement