ग्वालियर के सिंधिया खानदान के बारे में कहा जाता है कि वो चाहे जिस पार्टी से लड़े, या भले ही इंडिपेंडेंट खड़े हो जाएं. ग्वालियर में हमेशा झंडा उनका ही फहराएगा. बीते छह दशक से मध्य प्रदेश की राजनीति में इस परिवार का दबदबा है. राजनीति की शुरुआत राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने की थी. आइए जानें- सिंधिया परिवार के बारे में, कौन-कौन है इस परिवार में.
ग्वालियर का मशहूर सिंधिया राजघराना जिसकी राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने सबसे पहले राजनीति में दखल दिया था. उन्होंने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से करके जनसंघ ज्वाइन किया था. साल 1957 में वो गुना से लोकसभा सीट जीतकर संसद पहुंची थीं. फिर दस साल कांग्रेस में रहने के बाद 1967 में वो जनसंघ में चली गईं. महारानी विजयाराजे चाहती थीं कि उनकी पांच संतानों में से माधवराव और उनके पुत्र ज्योतिरादित्य के अलावा सभी भाजपा में ही रहें.
फिर राजनीति में सफर शुरू हुआ माधव राव सिंधिया का, जो सिर्फ 26 साल की उम्र में ही सांसद बन गए. पहले वो जनसंघ में थे लेकिन 1977 में आपातकाल के बाद 1980 में ज्योतिरादित्य के पिता ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा, इसके बाद वो केंद्रीय मंत्री भी बने. साल 2001 में एक विमान हादसे में उनकी मौत हो गई.
दोनों बुआ भी राजनीति में विजयराजे सिंधिया की बेटियां यानी ज्योतिरादित्य की दोनों बुआओं वसुंधरा राजे सिंधिया और यशोधरा राजे सिंधिया ने भी राजनीति में प्रवेश ले लिया. साल 1984 में वसुंधरा राजे भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल हो गईं.
वसुंधरा राजे राजस्थान की मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं. राजस्थान की पूर्व
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के बेटे दुष्यंत भी भाजपा में ही हैं. वो
राजस्थान की झालवाड़ सीट से सांसद हैं.
वसुंधरा राजे की बहन यशोधरा 1977 में अमेरिका चली गईं. 1994 में जब यशोधरा भारत लौटीं तो उन्होंने मां की इच्छा के अनुसार 1998 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा. पांच बार विधायक रह चुकीं यशोधरा राजे शिवराज सिंह चौहान की सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं.
2002 में पहली बार बने सांसद
2001 में पिता की मौत के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस में पिता की जगह ली. 2002 में जब गुना सीट पर उपचुनाव हुए तो ज्योतिरादित्य सिंधिया सांसद चुने गए. पहली जीत के बाद से 2019 तक ज्योतिरादित्य सिंधिया कभी चुनाव नहीं हारे. लेकिन साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कभी उनके ही सहयोगी रहे कृष्ण पाल सिंह यादव ने उन्हें हरा दिया.
ज्योतिरादित्य की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया बरोड़ा के गायकवाड़ परिवार की राजकुमारी हैं. उनके पिता कुमार संग्रामसिंह गायकवाड बरोड़ा के आखिरी शासक प्रताप सिंह गायकवाड़ के बेटे हैं.प्रियदर्शिनी की मां भी नेपाल के राजघराने से ताल्लुक रखती हैं.प्रियदर्शिनी ने मुंबई के फोर्ट कॉन्वेंट स्कूल से और सोफिया कॉलेज से पढ़ाई की.
ज्योतिरादित्य और प्रियदर्शिनी के 2 बच्चे हैं एक बेटा महाआर्यमन सिंधिया और एक बेटी अनन्या सिंधिया.उनकी बेटी अनन्या को हॉर्स राइडिंग का बहुत शौक है. अनन्या ने 8 साल की उम्र में ही उन्होंने हॉर्स राइडिंग शुरू कर दी थी.वहीं उनके बेटे महा आर्यमन विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं.