स्वामी दयानंद सरस्वती
आधुनिक भारत के महान चिन्तक, समाज-सुधारक और देशभक्त के रूप में प्रचलित महर्षि दयानंद सरस्वती ने मुंबई में एक समाज सुधारक संगठन आर्य समाज की स्थापना की थी. वे एक संन्यासी और महान चिंतक थे. उन्होंने वेदों की सत्ता को सदा सर्वोपरि माना. उनका नारा वेदों की ओर लौटो पूरी दुनिया ने माना. उनके किए वेदों के भाष्य आज भी पढ़े जाते हैं. उन्होंने कर्म सिद्धान्त, पुनर्जन्म, ब्रह्मचर्य तथा सन्यास को अपने दर्शन के चार स्तम्भ बनाए. सबसे 1876 में 'स्वराज्य' का नारा उन्होंने ही दिया था, जिसे बाद में लोकमान्य तिलक ने आगे बढ़ाया. आज भी स्वामी दयानन्द के विचारों की समाज को नितान्त आवश्यकता है.