हरियाणा के रहने वाले प्रथम कौशिक को खुद पर इतना विश्वास भी नहीं था कि वो मेन्स निकाल पाएंगे. वो मेन्स छोड़ना चाहते थे, लेकिन फिर खुद को एक महीने का वक्त दिया और तैयारी करके मेन्स लिखा. नतीजा ये हुआ कि उन्होंने UPSC 2017 में ऑल इंडिया पांचवीं रैंक हासिल की. जानिए- कैसे उन्होंने अपनी गलतियों से सीखकर एक महीने में बनाया था सक्सेस प्लान.
प्रथम कौशिक ने अपने एक वीडियो इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने कॉलेज के वक्त ही तय कर लिया था वो आईएएस बनेंगे. इसके लिए उन्होंने तय किया कि वो तैयारी करेंगे. इसके पीछे उनका मानना था कि सिस्टम के बाहर रहकर बात करना अलग है, लेकिन इसमें जाकर काम करना अलग बात है. तैयारी की शुरुआत न्यूजपेपर पढ़ने से की थी. फिर उन्होंने पहली बार 2016 में एग्जाम दिया.
प्रथम खुद को एक औसत छात्र मानते रहे हैं. उन्होंने जब पहली बार UPSC का एग्जाम दिया तो प्रीलिम्स नहीं निकाल पाए. तब उन्हें लगा कि शायद उनकी तैयारी में कहीं न कहीं कोई कमी रह गई है कि वो प्रीलिम्स ही नहीं पास कर सके. वो कहते हैं कि बहुत कॉन्फिडेंस था फिर भी पास नहीं कर पाया, इसके पीछे मेरे आत्मविश्वास की कमी थी.
पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग करने के बाद ही उन्होंने तैयारी शुरू कर दी थी. वो कहते हैं कि जब भी कोई नया उम्मीदवार तैयारी की सोचता है तो उसके सामने इतना मैटिरियल होता है कि वो समझ नहीं पाता कि क्या क्या पढ़ना है. लेकिन उस मैटेरियल को रिफाइंड करना बहुत मुश्किल होता है.
फोटो: अपने साथियों के साथ प्रथम
वो कहते हैं कि सोसायटी ने यूपीएससी को इतना बड़ा बना दिया है कि मेरे साथ के लोग भी इसकी तैयारी करने से डरते थे. लेकिन पहले अटेंप्ट में फेल होने के बाद मैंने एक महीने का ब्रेक लिया और अपने लिए स्ट्रेटजी बनाकर तैयारी शुरू की.
इस दौरान मैंने बेसिक से फिर से तैयारी शुरू की. एनसीईआरटी की छठी कक्षा की किताबें उठाई और उससे पढ़ना शुरू किया. जब वो किताबें खोलीं तो लगा कि मुझे जहां से नॉलेज मिल रहा है ले लेना चाहिए. छठी की इतिहास भूगोल की किताबों से बहुत ज्ञान मिला. 12वीं क्लास की इकोनॉमिक्स से बहुत कॉन्फिडेंस मिला.
इसके बाद मैंने करेंट अफेयर्स पढ़ना शुरू कर दिया. इसके लिए मैंने मैगजीन पढ़ीं. साथ में न्यूजपेपर भी पढ़े. इसके लिए मैंने डिटेल नोट बनाए. करेंट अफेयर के सभी टॉपिक अगर पढ़ रहे हैं तो हम करेंट अफेयर की हैपेनिंग पर फोकस करते हैं, लेकिन जरूरत हमें ईश्यू पर फोकस करने की होती है. मेन्स के एग्जाम में ऐसे ही सवाल पूछे जाते हैं.
प्रथम कहते हैं कि इस पूरी परीक्षा को निकालने के लिए टेस्ट सीरीज, कोचिंग, तैयारी से ज्यादा भूमिका आत्मविश्वास की होती है. इसमें ये देखा जाता है कि क्या आपमें वो गुण है कि आप इस परीक्षा को निकाल सकें और इतनी बड़ी जिम्मेदारी निभा सकें.
(सभी फोटो Facebook से हैं)