राफेल लड़ाकू विमानों का पहला जत्था 29 जुलाई को भारत पहुंचेगा, जो अंबाला
एयरबेस पर उतरेगा. अंबाला एयरबेस पर ही राफेल को इंडियन एयरफोर्स के बेड़े
में शामिल किया जाएगा. राफेल को लेकर अंबाला एयरबेस की चर्चा तेज हो गई है.
लिहाजा अंबाला एयरबेस पर सुरक्षा बंदोबस्त को चाकचौबंद कर दिया गया है.
अंबाला एयरबेस के तीन किलोमीटर इलाके को नो ड्रोन जोन घोषित किया है.
एयरबेस के तीन किमी इलाक में ड्रोन पर पूरी तरह बंदिश लगी दी गई है. आइए
जानते हैं देश के दूसरे एअर बेस के बारे में, क्या है इनकी खासियत.
बताया जा रहा है कि दो स्क्वॉड्रन में शामिल 36 राफेल लड़ाकू विमान अगले दो वर्षों में भारतीय वायु सेना का हिस्सा होंगे. पहला स्क्वॉड्रन पश्चिमी क्षेत्र के अंबाला से ऑपरेशनल होगा. वहीं दूसरा पश्चिम बंगाल में हाशिमारा में तैनात होगा. इस बीच, यह जानना अहम होगा कि देश में कुल कितने एयरपोर्स स्टेशन हैं और किस कमांड के अधीन आते हैं. ये एयरफोर्स स्टेशन देश की सुरक्षा को चाक चौबंद रखने के लिए बनाए गए हैं.
भारतीय वायुसेना के सात कमांड हैं जिनके अधीन विभिन्न राज्यों में एयरफोर्स स्टेशन बनाए गए हैं.
ईस्टर्न एयर कमांड
ईस्टर्न एयर कमांड के अधीन अगरतला (त्रिपुरा), बागडोगरा (पश्चिम बंगाल), बारापानी (मेघालय), बैरकपुर (पश्चिम बंगाल), चबुवा, डिब्रूगढ़ (असम), दम दम (कोलकाता), हाशिमारा (पश्चिम बंगाल), जोरहाट (असम), कलिकुंडा (पश्चिम बंगाल), कुंभिग्राम (असम), मोहनबारी (असम), माउंटेन शैडो (असम), तवांग (अरुणाचल प्रदेश), तेजपुर (अरुणाचल), पानागढ़ (पश्चिम बंगाल) एयरफोर्स स्टेशन आते हैं.
ये ईस्टर्न एअरकमांड का बैच है. इससे इस कमांड की पहचान होती है. इसका मुख्यालय मेघालय के शिलॉन्ग में है. अपनी स्थापना के समय 27 मई 1958 से ये नंबर वन ऑपरेशनल ग्रुप के नाम से जाना जाता है. ये पूर्वी सीमाओं की रक्षा के उद्देश्य से बनाया गया था. 1962 के भारत-चीनी युद्ध के बाद, शिलॉन्ग में एक पूर्ण कमान जुटाने का फैसला किया गया.
वेस्टर्न एयर कमांड
वेस्टर्न एयर कमांड के अधीन आदमपुर (पंजाब) एयरफोर्स स्टेशन, अंबाला (हरियाणा), अमृतसर (पंजाब), अवंतिपुर (जम्मू-कश्मीर), भटिंडा (पंजाब), चंडीगढ़, हलवारा (पंजाब), हिंडन (उत्तर प्रदेश), लेह (जम्मू-कश्मीर), पालम दिल्ली, पठानकोट (पंजाब), सरसावा (यूपी), सियाचीन ग्लेशियर (जम्मू-कश्मीर), सिरसा (हरियाणा), श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर), उधमपुर (जम्मू-कश्मीर) एयरफोर्स स्टेशन आते हैं.
पश्चिमी वायु कमान (WAC) का नई दिल्ली में मुख्यालय बना है. ये भारतीय वायु सेना की क्षेत्रीय कमान है. ये भारतीय वायुसेना का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण वायु कमान है, जिसमें सोलह वायु सेना के एएफबी शामिल हैं और यह उत्तर भारत की हवाई रक्षा के लिए जिम्मेदार है.
सदर्न कमांडसदर्न कमांड के तहत कार निकोबार (अंदमान एवं निकोबार दीप समूह), कोयंबटूर (तमिलनाडु), मदुरै (तमिलनाडु), पोर्ट ब्लेयर (अंदमान एवं निकोबार द्वीप समूह), ताम्बरम (तमिलनाडु), तंजावुर (तमिलनाडु) एयरफोर्स स्टेशन आते हैं.
सदर्न वेस्टर्न कमांड
सदर्न वेस्टर्न कमांड के अधीन भुज (गुजरात), जैसलमेर (राजस्थान), जामनगर (गुजरात), जोधपुर (राजस्थान), लोहगांव पुणे (महाराष्ट्र), नल बीकानेर (राजस्थान), नलिया (गुजरात), पलोदी (राजस्थान), उत्तरलाई (राजस्थान), मकरपुरा (गुजरात) एयरफोर्स स्टेशन आते हैं.
सेंट्रल एयर कमांड
सेंट्रल एयर कमांड के अधीन आगरा (यूपी), बिहटा (बिहार), दरभंगा (बिहार), बक्शी का तालाब(यूपी), बमरौली (यूपी), बरेली (यूपी), चकेरी (यूपी), गोरखपुर (यूपी), महाराजपुर (मध्य प्रदेश) एयरफोर्स स्टेशन आते हैं.
मेन्टिनेंस कमांड
मेन्टिनेंस कमांड के अधीन नागपुर एयरफोर्स स्टेशन, ओझरा एफरफोर्स स्टेशन नागपुर आते हैं.
ट्रेनिंग कमांड
ट्रेनिंग कमांड के तहत बेगमपट, हैदराबाद (तेलंगाना), बिदर (कर्नाटक), डंडीगल (तेलंगाना), हकीमपेट हैदराबाद (तेलंगाना), येलहंका वायु सेना स्टेशन (कर्नाटक), एडमिन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, सांभरा, बेलगाम (कर्नाटक) एयरफोर्स स्टेशन आते हैं.