उन्होंने बताया कि वो बचपन में पढ़ाकू स्टूडेंट थे, लेकिन साथ में अन्य गतिविधियों में हिस्सा लेते थे. उन्होंने प्राइमरी पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल में गुजराती मीडियम से की. 10वीं में 92 प्रतिशत आए तो साइंस स्ट्रीम में एडमिशन लेने की सोची, लेकिन घरवालों के पास इतना पैसा नहीं था.