'मैं अक्सर मां से कहता था, हम दिन में कई बात करते हैं, इन दिनों चिट्ठियों का फैशन नहीं है. आप चिट्ठियां क्यों लिखती हैं?
मां मुझसे कहती थी, जब मैं नहीं रहूंगी, तब तुम्हें ये चिट्ठियां मेरी याद दिलाएंगी, जब भी तुम डिमोटिवेट महसूस करोगे, ये चिट्ठियां तुम्हें
मोटिवेट करेंगी.'
सोनू ने बताया आज भी वह सभी चिट्ठियां मैंने अमानत की तरह संभाल कर रखी हैं.
(सभी तस्वीरें इंस्टाग्राम से ली गई है)